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बिलासपुर ।ये तस्वीर कश्मीर की वादी की नहीं, ये वो तस्वीर है गुजरात के विकास की पोल खोलतीं है, ये भेड़ें और चरवाहे गुजरात के हैं जो आज भी यायावरी कर छ्तीसगढ़ के जंगल और चरागाह में भेड़ पालते हैं,,इस बार कुछ दिन हुए मुझे और सत्या’ को बीते सप्ताह रतनपुर के करीब में मिले,,!
बरसात ये जंगल के किसी सुरक्षित इलाके में गुजरते हैं । इसके एवज में वन कर्मियों के जेब गरम् करनी होती है । जबकि ये जंगल में चीतल सांभर से लेकर खरगोश तक का चारा चर जातीं हैं ।वहीं भेड़ों को होने वाले रोगों का वन्यजीवों में फैलाव की आशंका प्रबल रहती है । गुजरात के ये भेड़ पालक कई दशकों से छतीसगढ़ में आते जाते है। पर वन विभाग ने कभी कोई बड़ी कार्रवाई इनके खिलाफ नहीं की । गुजरात की समग्र तरक्की की बात तबतक बेमानी है जबतक ये पशुपालन के आदिम जीवन के युग में पड़ाव पर हैं ।