क्या 24 घंटे बाद 36 मॉल पर लगेगा ताला…बैंक को चाहिए 118 करोड़…कोर्ट और नोटिस की मियाद खत्म

BHASKAR MISHRA
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city_mall_36_indexबिलासपुर—आने वाला 24 घंटे 36 मॉल के लिए महत्वपूर्ण है। 36 माल के मालिक से  118 करोड़ की मागं की है। हाईकोर्ट में कहे गए 6 करोड़ रूपए 36 माल संचालक ने बैंक को नहीं दिया तो तहसीलदार पीएनबी के पक्ष में पजेशन का फरमान जारी कर सकता है। सीलिंग की संभावना कुछ कम ही है। वजह जिला प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव का होना बताया जा रहा है।

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            36 माल को हाईकोर्ट से मिली मियाद खत्म हो चुकी है। 23 अगस्त को मियाद खत्म होने के बाद तहसीलदार ने 36 माल संचालक को नोटिस जारी कर सात दिनों के अन्दर हाईकोर्ट के निर्दशानुसार 6 करोड़ रूपए बैंक को भुगतान करने कहा था।

                                                                                                          आज तहसील कार्यालय से जारी नोटिस की मियाद भी खत्म हो गयी है। इन सात दिनों के अन्दर 36 माल संचालक ने बैंक को 6 करोड़ रूपए का भुगतान नहीं किया है। नोटिस की मियाद आज खत्म हो गयी। जिला प्रशासन को 36 मॉल की तरफ से किसी तरह का जवाब नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक 24 घंटे के अन्दर पजेशन नहीं मिलने पर कोर्ट आफ कंटम्प्ट का मामला दायर कर सकता है।

                              करीब पाच छः साल पहले 36 माल बनाने माल मालिक के.के.गुप्ता ने पंजाब नेशनल बैंक कटोरा तालाब रायपुर समेत एक अन्य बैंक से 118 करोड़ का लोन लिया। गुप्ता ने संभाग का सबसे बड़ा मॉल मंगला चौक के पास बनवाया। पीएनबी अधिकारी के अनुसार इन पांच छः सालों में कर्जदारों ने एक भी किश्त नहीं पटाया। रिमांड के बाद भी माल संचालक ने किश्त पटाने की जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लिया है।

                                                       माल संचालक अविभाज्य मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता के.के.गुप्ता समेत परिवार के तीन लोग क्रमशः पिंकी गुप्ता, नीलम गुप्ता और संजय गुप्ता ने भी अलग अलग बैंकों से कुल 118 करोड़ रूपए लोन लिए। दूसरे बैंक ने अपना शेयर अधिकार पंजाब नेशनल बैंक को बेच दिया। चारों प्रार्थी में से एक ने कटोरा तालाब रायपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक से माल के लिए करोड़ों रूपए का कर्ज लिया है। कुल मिलाकर माल मालिक को पंजाब नेशलन बैंक में 118 करोड़ रूपए लोन की रकम को जमा करना था।  इतने सालों में माल संचालकों ने एक किश्त भी जमा नहीं किया है।

हाईकोर्ट से 6 सप्ताह की मोहलत

                                        जानकारी के अनुसार डीएम आदेश और पूरी प्रक्रिया के बाद 23 जुलाई को जिला प्रशासन से पंजाब नेशनल बैंक के पक्ष में 36 माल पर पजेशन का अधिकारी मिला। इस बीच गुप्ता परिवार ने जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहम की मांग करते हुए 6 करो़ड़ रूपए पटाने का आश्वासन दिया। गुप्ता परिवार ने हाईकोर्ट से बताया कि भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया जाएगा। बावजूद इसक 6 करोड़ तो दूर एक भी किश्त मॉल संचालकों ने नहीं दिया।

                   जबकि हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह के भीतर पीएनबी के खाते में 6 करो़ड़ जमा करने को कहा था। एक महीने के बाद भी 36 माल मालिक ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पीएनबी से शिकायत के बाद 23 अगस्त को तहसीलदार देवी सिंह उइके ने माल संचालकों को नोटिस जारी कर भुगतान करने को कहा। आज अंतिम तारीख तक गुप्ता परिवार की तरफ से तहसीलदार को जवाब नहीं मिला है।

                                              पंजाब नेशनल बैंक प्रतिनिधि ने आज तहसीलदार को बताया कि नोटिस की मियाद खत्म हो चुकी है। हमें 36 माल का पजेशन दिया जाए। लेकिन तहसीलदार ने देर शाम तक कोई ठोस जवाब नहीं दिया।

पचास लाख जमा करने की पेशकश

                   जानकारी के अनुसार 36 माल की तरफ से हाटल मेरियाट मैनेजर ने तीन दिन पहले तहसीलदार के सामने पचास लाख रूपए जमा किए जाने की पेशकश की। लेकिन पंजाब नेशनल बैंक ने हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार 6 करोड़ रूपए की मांग की। बावजूद इसके नोटिस की अंतिम तारीख तक एक रूपया भी जमा नहीं हुआ । इधर पंजाब नेशनल बैंक ने पजेशन की मांग तेज कर दी है।

                                    पंजाब नेशनल बैंक के अनुसार हमें बेवजह घुमाया जा रहा है। पार्टी रूपए देने को तैयार नहीं है। जिला प्रशासन से उम्मीद है कि 36 माल पर पजेशन 24 घंटे के भीतर दिलाए।

दोनो पार्टी से करूंगा बात

                                                  बिलासपुर तहसीलदार देवी सिह उइके ने बताया कि 36 माल की पार्टी अभी तक सामने नहीं आयी है। दोनों पार्टी आमने सामने आएंगे उसी समय  निर्णय संभव है। अभी एक दिन का समय बाकी है। 36 माल की पार्टी क्या जवाब देती है । उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

बाहर घूमते रहे…अन्दर नहीं आए

                                                    काफी समय तक बैंक का नुमाइंदा तहसीलदार के सामने बैठा रहा। तहसीलदार ने हर बार 36 माल पार्टी का हवाला देकर टाला। इस बीच तहसील कार्यालय के बाहर 36 माल की पार्टी घूमती रही। लेकिन तहसीलदार कार्यालय में आना मुनासिब नहीं समझा। जानते हुए भी कि अन्दर दूसरी पार्टी बैठी है। बावजूद इसक दोनों पार्टियों को तहसीलदार ने आमना सामना नहीं कराया।

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