बिलासपुर— नगर के सामुदायिक भवनों को किराए पर दिए जाने का कांग्रेसियों ने विरोध किया है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार सामुदायिक भवनों को किराए पर देने का अधिकार निगम को नहीं है। सामाजिक भवन समाज के लोगों का है। निगम की दखलंदाजी का कांग्रेस पार्टी विरोध करेगी। गरीबों की लड़ाई सड़क पर उतरकर लडेगी।
कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस नोट में प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव,ग्रामीण अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला,शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर,शेख गफ्फार,सचिव आशीष सिंह महेश दुबे, विवेक बाजपाई,पंकज सिंह,अर्जुन तिवारी, निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरुद्दीन,सम्भागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय और पार्षद प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने सामाजिक भवनों को किराए पर दिए जाने के निगम फरमान का विरोध किया है।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार निगम अपनी आय बढ़ाने के लिये अनाप शनाप फरमान जारी कर रहा है। मालूम होना चाहिए कि सामाजिक भवन का निर्माण समाज के चंदे,सांसद और विधायक निधि से होता है। सामाजिक भवन बनाने में समाज समय और धन भी देता है। सामाजिक भवन बनाने का मुख्य उद्देश्य समाज के ऐसे लोग जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें मागलिक और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए भटकाना ना पड़े।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कोई भी समाज अपना भवन किराए में देकर आय अर्जित करता है। उसी आय से समाज भवन का मरम्मत करवाता है। गरीब परिवारों को भी मदद करता है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार सामाजिक भवन बनाने से पहले समाज के लोगों ने निगम प्रशासन को जमीन का शुल्क दिया है। सवाल उठता है कि निगम ने किस नियम,कानून के तहत सामाजिक भवनों को किराए पर देने का फैसला किया है।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि सबको मालूम है कि निगम की माली हालत ठीक नही है। तो क्या वह शहर के सभी होटलों,मंगल भवनों,स्कूलों, निजी मकानों को भी किराए पर देंगे।