कलेक्टर को पटवारियों ने सुनाई व्यथा…संघ में दो फाड़…कई पटवारियों ने किया बैठक का बहिष्कार

BHASKAR MISHRA
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tehsil-bspबिलासपुर— पटवारियों ने आज कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्य़ाओं को सामने रखा। कामधाम में आ रही अड़चनों और समस्याओं की जानकारी दी। पटवारी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने एक एक बताया कि पत्र पत्रिकाओं में लगातार पटवारियों के खिलाफ खबरें छप रही हैं। खबरे पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। कभी कभी स्थिति बन जाती है कि ना चाहते हुए भी हल्का कार्यालय बंद रखना होता है। जिसके कारण लोग बात का बतंगड़ बना देते हैं।

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                       पटवारी संघ के पदाधिकारी कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर के सामने अपनी बातों को रखा। पटवारियों ने बताया कि जब तब तहसीलदार और एसडीएम का बुलावा आता है। हल्का कार्यालय को छोड़कर तहसील पहुचना होता है। पटवारियों ने कहा कि  लोग सीमांकन और नामांकन के लिए दबाव डालते हैं। संभव नहीं होने पर शिकायत छापते हैं। मंगला हल्का पटवारी रूपेश गुरूदिवान के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।

                                         कलेक्टर से मिलकर पटवारी प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि स्थानीय कार्यों के अलावा नामांतरण और सीमांकन के लिए हल्का क्षेत्र में जाना होता है। जिसके चलते चाहकर भी कार्यालय में नहीं बैठना नहीं हो पाता है। कभी हाईकोर्ट तो कभी प्रोटोकाल में तैनात होना पड़ता है।

               पटवारियों ने डिजिटल सिग्नेचर की कार्रवाही को लेकर भी बातें की। कलेक्टर पी.दयानन्द ने कहा कि तमाम गतिविधियों के बीच पारदर्शिता और समन्यय के साथ काम करना है। काम काज के दौरान लापरवाही ठीक नहीं। शिकायतों की जांच होगी।

पटवारी संघ में दो फाड़

                               सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटवारी संघ में दो फाड़ हो गया है। कलेक्टर से मुलाकात के ठीक पहले संतोष पाण्डेय समर्थक और अन्य पटवारियों के बीच जमकर बहस हुई। दोनो पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये। दोनों ग्रुप ने कहा कि पटवारियों की अन्दर की जानकारी मीडिया में सार्वजनिक किया जा रहा है। एक पटवारी ने तो यह कह दिया कि पटवारी संगठन चार पांच लोगों का होकर रह गया है। जब चार पांच लोगों पर मुसीबत आती है तो पटवारी संघ सक्रिय हो जाता है। इसके अलावा अन्य लोगों पर जब आरोप लगता है तो पटवारी संघ पल्ला झाड़ लेता है।

पटवारी संघ में जातिवाद का असर

                  मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर से मिलने के पहले संतोष पाण्डेय ने रणनीति बनाने के लिए पटवारियों को बैठक में बुलाया था। लेकिन चार पांच पटवारी ही बैठक में पहुंचे। एक पटवारी ने तो यहां तक कह दिया कि पटवारी संघ पाण्डवों का होकर रह गया है। संघठन में जाति वाद को लेकर भी सवाल उठाए गए। नाम नहीं छापने की शर्त पर पटवारी ने बताया कि संगठन में रहने से अच्छा है कि घर परिवार को समय दें।

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