अधिकारियों पर भड़के कांग्रेसी

BHASKAR MISHRA
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4 07बिलासपुर….बिलासपुर जिला पचांयत की हंगामेदार समान्य सभा की बैठक अधिकारियों पर आज जनप्रतिनिधि भारी नजर आए। प्रश्नों और शिकायतों के बौछार के बीच अधिकारियों ने अपने आपको काफी लाचार स्थिति में पाया। बैठक के दौरान ग्रामीण स्तर पर राज्य सरकार की योजनाओं को लेकर जमकर वाद विवाद देखने को मिला।

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                    जिला पंचायत की हंगामेदार बैठक में आज अधिकारियों की जमकर किरकिरी हुई। जनप्रतिनिधियों के सवालों के सामने अधिकारी काफी लाचार नजर आए। ग्रामीण स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन को लेकर जनप्रतिनिधियों ने अपनी शिकायत रखते हुए कहा कि अधिकारी किसी की सुनते नहीं है। यहां बैठक में लम्बी लम्बी बातें और आंकड़े रख तो दिये जाते हैं लेकिन गरीबों को सरकार की योजनाओं को फायदा होता कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। खासतौर कांग्रेस समर्थक जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों की जमकर क्लास ली।

               पेण्ड्रा मरवाही विकाख खण्ड में तालाब के पट्टे के आवंटन और मछुवारा समिति को प्रशिक्षण दिये जाने की सूची जैसे ही अधिकारियों ने बैठक में पेश किया हंगामा होना शुरू हो गया। कांग्रेस नेता ज्ञानेन्द्र उपाध्याय ने सूची को आधी अधूरी बताते हुए अधिकारियों पर बरसना शुरू कर दिया। इसके बाद अन्य कांग्रेस समर्थक जनप्रतिनिधियों ने भी अधिकारियों के खिलाफ अन्य मामलों को लेकर मोर्चा खोल दिया। इस दौरान सभी ने अधिकारियों पर लीपापोती और कमीशन खोरी का भी आरोप लगाया।

              हंगामे के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालन अधिकारी सदन को शांत करने की कोशिश करते रहे लेकिन सभी प्रयास असफल साबित हुए। ज्ञानेद्र उपाध्याय ने बताया कि बैठक में पेश की गयी सूची अधूरी है जो नाम हैं भी वे लोग योजना में लाभ लेने के पात्र नहीं हैं। जाहिर सी बात है कि सरकार अपनों को योजनाओ के जरिए लाभ पहुंचाना चाहता है।

                 कांग्रेस समर्थक जनप्रतिनिधियों ने बताया कि ग्रामीण स्तर चल रही किसी भी प्रकार की  योजनाओ जमकर भर्राशाही हो रही है। बैठक में इस मुद्दे को बार बार उठाया जाता है बावजूद इसके अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। जनप्रतिनिधियो ने अधिकारियो को आडे हाथ लेते हुए कहा कि आज तालाब के पट्टे को लेकर जो जानकारी प्रस्तुत की गई वह भी अधूरी थी। इस दौरान कांग्रेसियों ने बताया कि बैठक में अधिकारी हमारी समस्या और प्रश्नों को सुनते ही नहीं। ऐसी सूरत में अब हमें आगामी बैठकों में शामिल होने के पहले काफी सोचना पड़ेगा

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