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मिट्टी पर चढ़ाया मुरूम का चादर
दो दिन पहले सीजीवाल ने मोनोलिथिक तकनीक से बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के बारे में लिखा था। खबर लिखे जाने के बाद अटल आवास प्रोजेक्ट में मैनेज का खेल शुरू हुआ। पहले तो बिल्डिंग के फाउंडेशन में मिटटी डाली गयी थी। निगम के आला अधिकारी मामले को दबाने के लिए फाउंडेशन में डाली गयी मिट्टी के ऊपर दो इंच रेत का छिड़काव कर दिया। यदि मंत्री या अधिकारी मुआयना करें तो फाउंडेशन में रेत दिखाई दे। जाहिर सी बात है कि यहां मंत्री के सपनों को चकनाचूर करने का काम निगम अधिकारी और कंपनी का ठेकेदार मिलकर कर रहे हैं।
मंत्री, महापौर और आयुक्त के साजिश
मोनोलिथिक सिस्टम से बनाए जा रहे अटल आवास की निर्माण एजेंसी नगर निगम है। निगम अफसरों की जिम्मेदारी है कि दिन में कम से कम दो एक बार प्रोजेक्ट का मुआयना करे। साइड पर काम कर रहे कम्पनी के इंजीनियरों ने बताया कि निगम के अधिकारी दो दिन में एक बार आते हैं। देख ताक कर चले जाते हैं। किसी बात को लेकर उन्हें एतराज नहीं है। इसलिए आप लोगों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। कम्पनी इंजीनियरों ने यह भी बताया कि दो दिन पहले नोडल इंजीनियर के निर्देश पर बेस में मुरूम डाला जा रहा है। चूंकि मिट्टी को निकाला नही जा सकता है। इसलिए बेस के ऊपर एक फिट मिट्टी हटाकर मुरूम और रेत डाला जा रहा है। यद्यपि शर्तों के अनुसार फाउन्डेशन में रेत ही भरा जाना था।
निर्माण एजेंसी सुस्त
अटल आवास की साइड पर कम्पनी के चार पांच इंजीनियर तैनात दिखाई दिये। निगम का कोई अधिकारी नजर नहीं आया। साइड कीपर भी मौजूद नहीं था। ठेकेदार के कर्मचारियों ने बताया कि दो दिन में एक बार निगम इंजीनियर आते है। योजना प्रभारी सुरेश बरुवा कभी कभी आते है। निर्माण के क्षेत्र से जुड़े जानकरों ने बताया कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए निर्माण एजेंसी की तरफ से कम से कम एक इंजीनियर औऱ दो साइड कीपर को रहना चाहिए।
प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी निगम इंजीनियर सुरेश बरूआ ने बताया कि जरूरी नहीं है कि फाउन्डेशन में रेत ही डाला जाए। मिट्टी भी हो सकता है। दो दिन पहले मुरूम डालने को कहा गया है। मिट्टी को फाउन्डेशन से निकाला नहीं जा सकता है। इसलिए ऊपर कुछ मात्रा में मुरूम और रेत बिछाया गया है। यदि लगता है तो लिखित शिकायत करें। फिर कार्रवाई करेंगे। बरूआ ने यह भी बताया कि टेन्डर में फाउन्डेशन के भराव में क्या होगा। फिलहाल इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। यदि मिट्टी का प्रयोग हो रहा है तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। बजट भी लमसम ही है।बरहाल अटल आवास निर्माण में गड़बड़ी शुरू हो गयी है। निगम इंजीनियर बरूआ ने भी मान लिया है कि बड़े प्रोजेक्ट में ऊपर नीचे होता है। जब मिट्टी से ही बेस भरना है तो फिर मुरूम और रेत की दो इंच मोटी परत बिछाने की क्या जरूरत है। इतना तय है कि इंजीनियर और ठेकेदार को ना तो मंत्री का डर है और ना ही आयुक्त का भय।