न मंत्री का डर,ना आयुक्त का भय,गरीबों के घर पर भ्रष्टाचार का साया,इंजीनियर ने कहा चलता है

Shri Mi
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20170922_155425बिलासपुर।प्रदेश के न्यायधानी में घर से विस्थापित गरीबों के लिए अशोक नगर और नूतन चौक में मलेशियाई तकनिकी से महंगा और मजबूत घर बनाया जा रहा है। निकाय मंत्री ने वादा किया था कि गरीबों को झुग्गी झोपड़ी की जगह सरकार पक्का मकान बनाकर देगी। वादे के अनुसार निकाय मंत्री ने एक साथ अशोक नगर और नूतन चौक में भूमि पूजन किया। मकान बनाने की जिम्मेदारी आर्यन कम्पनी को मिली। लेकिन कम्पनी ने आवास निर्माण के साथ ही रंग बदलना शुरू कर दिया है। उसे ना तो मंत्री का डर है और ना ही आयुक्त का भय। शर्तों के खिलाफ आवास के फाउन्डेशन में भ्रष्टाचार की मिट्टी डाली जा रही है। मामले में निगम के नोडल इंजीनियर का कहना है कि बड़े–बड़े प्रोजेक्ट में ऐसा ही होता है। यदि शिकायत है तो आयुक्त से बताएं।
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                                              20170922_161004निकाय मंत्री ने वादा किया था कि शहर में झुग्गी झोपडियों की जगह गरीबों को पक्का मकान बनाकर दिया जाएगा। निगम प्रशासन ने अभियान चलाकर नूतन चौक और अशोक नगर में झुग्गी झोपडियों को हटाया। विस्थापितों को नए आवास में शिफ्ट किया। खाली जमीन पर गरीबों के लिए पक्का और मजबूत मकान बनाने की जिम्मेदारी आर्यन कम्पनी को दी गयी। लेकिन मंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में ठेकेदार ने भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया है। यह जानते हुए भी कि प्रोजेक्ट पर मंत्री की नजर है। बावजूद इसके ठेकेदार को किसी का परवाह नहीं है। मोनोलिथिक सिस्टम से बनाए जा रहे मकान में शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है।मोनोलिथिक सिस्टम से गरीबों के लिए अशोक नगर में कुल 1200 मकान में 54 करोड़ खर्च होंगे। नूतन चौक में 256 मकानों पर 12 करोड़ खर्च किया जाएगा।

मिट्टी पर चढ़ाया मुरूम का चादर
दो दिन पहले सीजीवाल ने मोनोलिथिक तकनीक से बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के बारे में लिखा था। खबर लिखे जाने के बाद अटल आवास प्रोजेक्ट में मैनेज का खेल शुरू हुआ। पहले तो बिल्डिंग के फाउंडेशन में  मिटटी डाली गयी थी। निगम के आला अधिकारी मामले को दबाने के लिए फाउंडेशन में डाली गयी मिट्टी के ऊपर दो इंच रेत का छिड़काव कर दिया। यदि मंत्री या अधिकारी मुआयना करें तो फाउंडेशन में रेत दिखाई दे। जाहिर सी बात है कि यहां मंत्री के सपनों को चकनाचूर करने का काम निगम अधिकारी और कंपनी का ठेकेदार मिलकर कर रहे हैं।

मंत्री, महापौर और आयुक्त के साजिश
20170922_161119मोनोलिथिक सिस्टम से बनाए जा रहे अटल आवास की निर्माण एजेंसी नगर निगम है। निगम अफसरों की जिम्मेदारी है कि दिन में कम से कम दो एक बार प्रोजेक्ट का मुआयना करे। साइड पर काम कर रहे कम्पनी के इंजीनियरों ने बताया कि निगम के अधिकारी दो दिन में एक बार आते हैं। देख ताक कर चले जाते हैं। किसी बात को लेकर उन्हें एतराज नहीं है। इसलिए आप लोगों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। कम्पनी इंजीनियरों ने यह भी बताया कि दो दिन पहले नोडल इंजीनियर के निर्देश पर बेस में मुरूम डाला जा रहा है। चूंकि मिट्टी को निकाला नही जा सकता है। इसलिए बेस के ऊपर एक फिट मिट्टी हटाकर मुरूम और रेत डाला जा रहा है। यद्यपि शर्तों के अनुसार फाउन्डेशन में रेत ही भरा जाना था।

निर्माण एजेंसी सुस्त
अटल आवास की साइड पर कम्पनी के चार पांच इंजीनियर तैनात दिखाई दिये। निगम का कोई अधिकारी नजर नहीं आया। साइड कीपर भी मौजूद नहीं था। ठेकेदार के कर्मचारियों ने बताया कि दो दिन में एक बार निगम इंजीनियर आते है। योजना प्रभारी सुरेश बरुवा कभी कभी आते है। निर्माण के क्षेत्र से जुड़े जानकरों ने बताया कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए निर्माण एजेंसी की तरफ से कम से कम एक इंजीनियर औऱ दो साइड कीपर को रहना चाहिए।

होता है बड़े बड़े प्रोजेक्ट में…बजट भी लमसम है।
20170922_161020प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी निगम इंजीनियर सुरेश बरूआ ने बताया कि जरूरी नहीं है कि फाउन्डेशन में रेत ही डाला जाए। मिट्टी भी हो सकता है। दो दिन पहले मुरूम डालने को कहा गया है। मिट्टी को फाउन्डेशन से निकाला नहीं जा सकता है। इसलिए ऊपर कुछ मात्रा में मुरूम और रेत बिछाया गया है। यदि लगता है तो लिखित शिकायत करें। फिर कार्रवाई करेंगे। बरूआ ने यह भी बताया कि टेन्डर में फाउन्डेशन के भराव में क्या होगा। फिलहाल इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। यदि मिट्टी का प्रयोग हो रहा है तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। बजट भी लमसम ही है।बरहाल अटल आवास निर्माण में गड़बड़ी शुरू हो गयी है। निगम इंजीनियर बरूआ ने भी मान लिया है कि बड़े प्रोजेक्ट में ऊपर नीचे होता है। जब मिट्टी से ही बेस भरना है तो फिर मुरूम और रेत की दो इंच मोटी परत बिछाने की क्या जरूरत है। इतना तय है कि इंजीनियर और ठेकेदार को ना तो मंत्री का डर है और ना ही आयुक्त का भय।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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