कोरबा— कोरबा पुलिस प्रशासन ने जिले के सभी पुलिस कर्मचारी और अधिकारियों के वेतन से एक दिन की सैलरी काटने का निर्देश दिया है। पुलिस अधीक्षक का यह फरमान किसी को सजा देने के लिए बल्कि आरक्षक की जिन्दगी को बचाने के लिए फैसला लिया है। कोरबा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी पुलिस कप्तान के आदेश को सिर माथे पर लिया है।
कभी कभी लगता है कि समाज ने पुलिस का केवल एक ही रूप देखा है। जबकि सिक्के की तरह जीवन के भी दो पहलू होते हैं। कोरबा पुलिस कप्तान के आदेश ने एक बार फिर कुछ ऐसा कर दिया है कि ना केवल पुलिस विभाग के लोग बल्कि जन सामान्य ने भी पुलिस कप्तान के अभियान में कंधे से कंधा मिलाने का मौका मांगा है।
जानकारी के अनुसार दर्री घाट में तैनात आरक्षक मुकेश सिंह ठाकुर बिल्ला नम्ब 339 की दोनों किड़नी फेल हो चुकी है। मुकेश सिंह का इलाज गुजरात के नाडियाड़ अस्पताल में चल रहा है। कोरबा पुलिस कप्तान को जानकारी मिली कि इलाज में 10 लाख रूपए खर्च होंगे। जबकि आरक्षक की माली हालत ठीक नहीं हैं। ऐसी सूरत में आरक्षक के परिजनों दस लाख जुटाना मुश्किल है। जबकि लोगों की मदद से बड़ी मुश्किल से सात लाख रूपए ही जमा हो पाए। मुकेश की किड़नी का आपरेशन 25 सितम्बर को होना है।
आरक्षक की स्थिति और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोरबा पुलिस कप्तान ने सख्त बर्दी के अन्दर छिपे इंसान को जगाया। एक विभागीय पत्र जारी कर पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से नवम्बर माह के एक दिन का वेतन कटौती करने को कहा। पुलिस कप्तान के आदेश को सभी कर्मचारियों ने सिर माथे पर लिया । लोगों ने एस स्वर में ना केवल एक दिन का वेतन कटौती का समर्थन किया। बल्कि जरूरत पड़ने पर मुकेश सिंह को हर संभव मदद का भी आश्वासन दिया है।
पत्र में पुलिस कप्तान ने कहा है कि जो कर्मचारी एक दिन का वेतन कटौती नहीं कराते हैं। ऐसे लोगों की सूची को सामने पेश करने को कहा। सूची पेश करने की आज अंतिम तारीख थी। बताया जा रहा है कि असहमति की सूची में किसी भी पुलिस कर्मचारी या अधिकारी का नाम नहीं है।