बिलासपुर— जल्द ही विवादास्पद सिटी सेन्टर मामले में सुनवाई होगी। सबकी नजरें कोर्ट की तरफ होंगीं। एक साल पहले विवादास्पद मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के तात्कालीन जज ने सिटी सेन्टर को लेकर दायर एक जन याचिका को खारिज कर दिया था। एक बार फिर पत्रकार ने जनहित याचिका के माध्यम से कुछ दस्तावेजों का जिक्र करते हुए कोर्ट के संज्ञान में लाने का प्रयास किया है।
विवादास्पद सिटी सेन्टर की सुनवाई जल्द शुरू होने वाली है। मामले में एक पत्रकार ने कोर्ट में पीआईएल लगाया है। जबकि उसी पत्रकार की एक जनहित याचिका को एक साल पहले हाईकोर्ट जज ने खारिज कर दिया था। तात्कालीन समय याचिकाकर्ता ने बताया था कि सिटी सेन्टर ने निगम की जमीन खसरा नम्बर 488 पर बेजा कब्जाकर निर्माण किया है।
एक बार फिर जनयाचिका के माध्यम से पत्रकार ने सुनवाई के समय पीआईएल को संज्ञान में लेने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने पीआईएल में बताया है कि सिटी सेन्टर के खसरा नम्बर 235,237 और 238 रकबा के कुल आठ हजार से अधिक वर्गफिट पर सिटी सेन्टर का निर्माण किया गया है। निर्माण के समय भारी अनियमितता हुई है। सीमांकन के बाद तहसीलदार ने स्वीकृत स्थान से अधिक जगह पर निर्माण होना पाया। अतिरिक्त निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था।
याचिकाकर्ता के अनुसार निर्माण कार्य खसरा नम्बर 488 में भी किया गया है। रिकार्ड के अनुसार 488 शासकीय जमीन है। माल की दुकान और सीढ़ी खसरा 488 पर ही है। शिकायत के बाद मौके पर पहुंचकर तात्कालीन न्यायाधीश ने भी मुआयना किया था। स्थितियां बदली हैं। तात्कालीन समय मामले में सिटी सेन्टर की तरफ से वकील ने जिरह भी किया था। एक बार फिर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। बताना जरूरी है कि मामले को रखने में पक्षकारों से कुछ चूक हुई है। जानकारियों को छिपाया गया है। या छिपाने की साजिश की गयी है। जरूरी है कि पीआईएल के साथ संलग्न दस्तावेजों का भी अवलोकन किया जाए।