CGWALL की खबर का असर-और हथकड़ी पिघल गयी,मौत के मुंह से बाहर आया विनोद,प्रशासन ने लिया जिम्मा..परिजनों को सख्त निर्देश

BHASKAR MISHRA
7 Min Read

Screenshot_2017-10-26-18-47-14-17 Screenshot_2017-10-26-18-47-50-97 बिलासपुर।और हथकड़ी पिघल गयी…विनोद को सीजी वाल की खबर और जिला प्रशासन की मदद से हथकड़ी के साथ काल कोठरी से आजादी मिल गयी है। जलसो गांव में तीन साल से सीलन भरी बदबूदार जिन्दगी से बाहर निकालकर जिला प्रशासन ने विनोद कुमार चौहान को मेन्टल अस्पताल में भर्ती किया है। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि विनोद पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही मेन्टल अस्पताल से बाहर निकलेगा।  इधर विनोद के पिता और घर वालों ने मानसिक रूप से बीमार विनोद चौहान का अटेन्डर बनने से इंकार कर दिया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                     चार दिन पहले सीजीवाल पर हथकडी में पिघलती जवानी खबर को प्रशासन ने गंभीरता से लिया। प्रभारी कलेक्टर के.डी.कुजांम ने तत्काल बिलासपुर तहसीलदार को हथकड़ी में जकड़े विनोद चौहान को मेन्टल अस्पताल सेन्दरी में भर्ती करने का निर्देश दिया। खबर पढ़ने और वीडियो देखने के बाद प्रभारी कलेक्टर कुंजाम ने निर्देश दिया कि यदि घर के सदस्य किसी प्रकार का विरोध करते हैं तो  पुलिस कार्रवाई से परहेज ना किया जाए। कलेक्टर का आदेश मिलते ही तहसील प्रशासन सक्रिय हुआ। पटवारी कोटवार और स्थानीय थानेदार के साथ अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल जलसो गांव गए। हालात का जायजा लिया। मौके से अतिरिक्त तहसीलदार ने प्रभारी कलेक्टर को बताया कि विनोद चौहान की स्थित सीजी वाल पर छपी खबर से कहीं ज्यादा बदतर है।
यह भी पढे- देखे Video-कहां पिघल रही बेड़ियों में जवानी,मां बाप ने क्यों पहनाया बेटे को हथकड़ी

                          प्रभारी कलेक्टर के.डी.कुंजाम के निर्देश पर अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल और पटवारी प्रशांत वर्मा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मानसिक रूप से बीमार विनोद को काल कोठरी से एक दिन पहले आजाद कराया। कार्रवाई का विनोद का पिता रमेश चौहान और सौतेली मां सीता ने विरोध किया। सफाई भी दी कि विनोद कुमार मानसिक रूप से बीमार है इसलिए बेड़ियों में रखा गया है । ऐसा नहीं करते तो विनोद परिवार के लिए घातक साबित हो सकता है। कई बार प्राणघातक हमला कर चुका है। प्रशासन ने रमेश और सीता की एक नहीं सुनी। सख्त निर्देश दिया कि यदि कोई भी ऐसा करते पाया गया तो सीधे जेल भेज दिया जाएगा। तब कहीं जाकर विनोद के माता पिता ने सफाई देना बंद किया।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall

                                                                                                 के.डी.कुंजाम के आदेश और अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल के निर्देश पर विनोद को 31 अक्टूबर को मेंटल अस्पताल KUNJAM ADMसेंदरी में भर्ती कराया गया। इसके पहले जलसो स्थित रमेश के घर से विनोद को कालकोठरी से निकाला गया। हथकड़ी काटकर मानसिक बीमार को एम्बुलेंस से मेंटल अस्पताल लाया गया। इस दौरान पड़ोसियों ने सीजी वाल को बताया कि यदि विनोद चार छः महीने काल कोठरी में रह जाता तो उसकी मौत निश्चित थी। वह मानसिक दौरे का शिकार है। ठीक से इलाज किया जाता तो विनोद ठीक हो जाता। लेकिन सौतेली मां और बहन ने पिता के साथ मिलकर विनोद पर अत्याचार की कहानी लिखी। पिछले तीन साल से काल कोठरी में कैद विनोद चौहान पर पिता रमेश चौहान ने इलाज के नाम पर एक रूपए भी खर्च नहीं किये। अब वह घड़ियाली आंसू बहा रहा है।

                      खबर तक पहुंचाने वाले विनोद का जीजा जेढू चौहान ने बताया कि मैने दो बार विनोद को मेंटल अस्पताल में भर्ती किया। लेकिन रमेश ने लड़ाई झगड़ा कर मरीज को मेंटल अस्पताल से घर ले गया। अब तो उसने बोल चाल भी बंद कर दिया है। विनोद की हालत देखने के बाद रमेश का पिता घर हमेशा के लिए छोड़ दिया। प्रशासनिक दखल के बाद उम्मीद है कि विनोद ठीक हो जाएगा। सामान्य होने के बाद अपने बड़े भाई की तरह जिन्दगी का आनंद लेगा। बड़े भाई ने भी विनोद की सुध नहीं ली है।

परिजनों ने की लापरवाही
मानसिक चिकित्सालय के अधीक्षक बी.आर.नंदा ने बताया कि विनोद को दो बार इलाज के लिए लाया गया। लेकिन परिजनों ने ना तो मरीज को गंभीरता से लिया और ना ही निर्देशों का पालन किया। हर बार मरीज को लेकर घर चले गए। इलाज में भारी लापरवाही हुई है। मरीज को दवाइयां नहीं दी गयी। अन्यथा विनोद आज इस स्थिति में नहीं होता। फिलहाल विनोद की स्थिति काफी बुरी है। कमजोर है…मानसिक रूप से अब वह बहुत बीमार है। प्रशासन के निर्देश का पालन किया जाएगा। ठीक होने के बाद ही विनोद को छोड़ा जाएगा।

हालत उम्मीद से कही ज्यादा बदतर
विनोद को काल कोठरी से बाहर निकालने वाले अतिरिक्त तहसीलदार नारायम गभेल और क्षेत्र के पटवारी प्रशांत वर्मा ने बताया कि विनोद की हालत खबर से कहीं ज्यादा बदतर है। विनोद को जानवरों की तरह रखा गया। हथकड़ी लगाने का किसी को हक नहीं है। लेकिन लगाया गया। यदि विनोद कुछ महीने हथकड़ी के साथ काल कोठरी में रह जाता तो बचना मुश्किल था। कलेक्टर के आदेश पर विनोद को मेन्टल अस्पताल में भर्ती किया गया है। अडेंटर की जरूरत है। कलेक्टर को मामले की जानकारी देंगे। इसके बाद अटेंडर के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है विचार किया जाएगा।

अस्पताल को दिया निर्देश..अन्याय करने वालों होगी कार्रवाई
प्रभारी कलेक्टर के.डी.कुंजाम ने बताया कि विनोद को मेंटल अस्पातल में भर्ती करने का निर्देश तहसीलदार को दिया है। इसके बाद रिपोर्ट करने को भी कहा गया है। हथकड़ी में रखना अपराध है। यदि किसी ने विनोद को लेकर विरोध किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मामले में अतिरिक्त तहसीलदार के रिपोर्ट का इंतजार है। मेंटल अस्पताल को भी इलाज के लिए निर्देश दिया गया है। किसी प्रकार की लापरवाही को प्रशासन बर्दास्त नहीं करेगा। अटेंडर को लेकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। विनोद अब ठीक होने के बाद ही अस्पताल से बाहर आएगा।

close