नईदिल्ली।ऊर्जा मंत्रालय ने सोमवार को एनटीपीसी प्लांट में हुए विस्फोट की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी उत्तर प्रदेश के ऊंचाहार में एनटीपीसी के प्लांट में हुए विस्फोट के कारणों की जांच करेगी जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 100 से ऊपर लोग घायल हो गए थे।यह हादसा उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले के ऊंचाहार प्लांट में 1 नवंबर में हुआ था। इससे पहले केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने बीते गुरुवार को मृतकों के परिवार वालों को 20 लाख रुपये देने का ऐलान किया था।इस हादसे बाद ऐसी बातें सामने आईं थी कि इस प्लांट की पहली खामी यह थी कि इसका ट्रायल नहीं किया गया था। इसके अलावा दूसरी खामी थी कि यह बिना निपुण विशेषज्ञों की राय लिए ही इस प्लांट को सीधे काम के लिए शुरू कर दिया गया था।
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तीसरी और सबसे बड़ी गलती यह थी कि बॉयलर के नीचे जलने वाली आग की राख पाइप से छनकर नीचे गिरती है, लेकिन उसका पटला खोला ही नहीं गया। जब गरम राख ज्यादा जमा हो गई, तो दबाव के चलते भयंकर विस्फोट हो गया।अब यह जांच कमेटी इन सारे तथ्यों और आरोपों की जांच करेगी। केंद्रीय इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के सदस्य पी डी सिवाल इस चार सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। इस प्लांट में हुए हादसे की वजह एनटीपीसी के फिरोज़ गांधी टर्मिनल पावर प्लांट में पाइप में दबाव पड़ने से हुई थी।एनटीपीसी उत्तर प्रदेश में 1550 मेगा वाट के पावर प्लांट का संचालन करती है जिसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज़ गांधी के नाम पर रखा गया था।