बिलासपुर— देर रात बिलासपुर के अधिवक्ताओं ने छत्तीसगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की अगुवाई में सिटी कोतवाली थाने का घेराव किया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि एक सोची समझी रणनीति के तहत पुलिस प्रशासन अधिवक्ता पवन श्रीवास्तव को परेशान करने के लिए दहेज के झूठे प्रकरण में गिरफ्तार किया है। जिले के अधिवक्ताओं ने थाने के सामने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए थानेदार को हटाने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली थानान्तर्गत अधिवक्ता पवन श्रीवास्तव के गिरफ्तारी के विरोध में देर रात तक अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर थानेदार और पुलिस आला अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं के अनुसार पवन श्रीवास्तव पर दहेज प्रताड़ना का झूठा प्रकरण तैयार कर पुलिस ने जबरदस्ती गिरफ्तार किया है। देर रात तक सभी अधिवक्ता सीजेएम के पास पवन श्रीवास्तव की जमानत के लिए पहुंचे।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सी.के केशरवानी ने सीजी वाल को बताया कि अधिवक्ता श्रीवास्तव के स्वर्गीय बड़े भाई की पत्नी ने आई जी के सामने पहुंचकर झूठी शिकायत की थी कि पवन श्रीवास्तव दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करता है। आईजी के आदेश पर सिटी कोतवाली ने पवन श्रीवास्तव को दहेज प्रताड़ना के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया। सच्चाई जाने बिना अधिवक्ता पवन श्रीवास्तव को पुलिस ने गिरफ्तार कर थाने में बुरा व्यवहार किया है। जो कानून संगत नहीं है।
सीजी वाल को केशरवानी ने बताया कि पुलिस की तानाशाही के चलते आज पवन श्रीवास्तव के परिवार की इज्जत को तार-तार हो गयी है। सच्चाई तो यह है कि पवन के बड़े भाई की विधवा का घर में बहुत सम्मान है। लेकिन किसी के बहकावे में या फिर विरोधियों की साजिश में आकर उसने शिकायत की है। केशरवानी ने बताया कि दहेज प्रताड़ना जैसा कोई मामला पवन के खिलाफ बनता भी नहीं है।
सीजी वाल से केशरवानी ने बताया कि शुक्रवार को बार एसोसिएशन की एक संयुक्त बैठक शुक्रवार को बुलाया गया है। बैठक में तय किया जाएगा कि पुलिस की इस कार्रवआई को लेकर क्या कदम उठाना है।