आबाकारी के 5 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत…मुंगेली का दारोगा बाहर..20 / 50 की चपेट में आया बाबू

BHASKAR MISHRA
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exiceबिलासपुर— छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश के पांच आबकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत आदेश थमाया है। दोपहर खबर मिलने के बाद विभाग में हलचल मच गयी है। लोग कानाफूसी के साथ डरे हुए हैं कि अब की बारी किसकी। अनिवार्य सेवानिवृत में एक दारोगा मुंगेली जिले से भी है। जानकारी मिली है कि बीस पचास फार्मूला के तहत शासन ने कुल पांच लोगों को बाहर रास्ता दिखाया है। इसमें एक बाबू भी शामिल है ।

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                        आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शासन ने प्रदेश के चार दारोगा और एक बाबू को अनिवार्य सेवानिवृत का पत्र थमाया है। आदेश जारी होने के बाद आबकारी विभाग में हड़कम्प की स्थिति है। अब बारी किसकी..इस बात को लेकर कर्मचारियों में जमकर कानाफूसी हो रही है।

            जानकारी के अनुसार शासन ने राजनांदगांव से दो,मुंगेली,बीजापुर और कोरबा से एक एक कर्मचारी को बीस पचास सूत्र के तहत नौकरी से बाहर किया है। बताया जा रहा है कि सभी पांचो कर्मचारी शासकीय कार्य के दौरान फिट नहीं है। इनका सर्विस रिकार्ड भी उत्साहित करने वाला नहीं है।

                             राजनांदगांव से अनिवार्य सेवा निवृत पाने वाले दोनों दारोगाओं के नाम शिवकुमार ठाकुर और राजेन्द्र कुमार राठौर है। कोरबा आबकारी विभाग में कार्यरत महेन्द्र राम यादव की भी सेवा खत्म कर दी गयी है। बताया जा रहा है कि महेन्द्र राम यादव ट्रांसफर से बचने के लिए लगातार मेडिकल पर थे। शासन ने महेन्द्र राम को कोरबा से अम्बिकापुर ट्रांसफर किया था। लेकिन मेडिकल देकर दारोगा कोरबा में ही जमा रहा।

                        शासन ने मुंगेली स्थित आबकारी विभाभ के दारोगा प्यारेलाल सिद्धार्थ को भी बाहर का रास्ता दिखाया है। बीस पचास फार्मूला का शिकार बीजापुर आबकारी विभाग में पदस्थ एक बाबू भी हुआ है। गोपाल हीरे को शासन ने अनिवार्य सेवानिवृत का पत्र थमा दिया है।

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