रायपुर।विश्व एड्स दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा स्कूल, कॉलेज के एक हजार छात्र-छा़त्राओं की जागरूकता रैली निकाली गयी। यह रैली संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रानू साहू के मार्गदर्शन निकाली गई। जागरूकता रैली नगर पालिका निगम गार्डन से महिला थाना चौक, मोतीबाग चौक, नेताजी सुभाष स्टेडियम होते हुए नगर पालिका निगम गार्डन पर समाप्त हुई। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को एचआईवी, एड्स बचाव व नियंत्रण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अधिकारियों ने इस दौरान बताया कि प्रदेश में वर्ष 2003 से अक्टूबर 2017 तक 700 गुना से अधिक एचआईवी का संक्रमण बढ़ गया है। हम सभी को एचआईवी, एड्स के प्रति जागरूकता लाने की आवश्यकता है। चिकित्सकों ने बताया कि एचआईवी चार प्रकार से फैलता है।
एचआईवी संकमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से, एचआईवी संक्रमित सुई या सिरिंज के उपयोग करने से, एचआईवी संक्रमित रक्त के अदान-प्रदान करने से तथा एचआईवी संक्रमित गर्भवती माता से उसके होने वाले बच्चें को। इससे बचने के लिए प्रत्येक यौन संबंध बनाने के समय हर बार नये कंडोम का प्रयोग करना चाहिए, हमेशा नई सुई या डिस्पोजेबल सुई का उपयोग करना चाहिए, सरकारी ब्लड बैंक से या लाईसेंसीकृत ब्लड बैंक से एचआईवी जांचा खून लेना व देना चाहिए तथा प्रत्येक गर्भवती माता की एचआईवी जांच अवश्य करानी चाहिए। प्रदेश में 125 एकीकृत परामर्श एवं जांच केन्द्र खोले गये है।
एचआईवी संक्रमितों को बेहतर इलाज के लिए प्रदेश में 5 एआरटी केन्द्र स्थापित किए गए है । 12 लिंक एआरटी सेंटर स्थापित किए गए हैं । एड्स की जानकारी ही बचाव है। एचआईवी, एड्स के संबंध में कई सारी भ्रांतियां व्याप्त है। संक्रमित व्यक्ति को छूने से, उनके साथ खाना खाने से, मच्छर के काटने से, एक दूसरे के कपड़े शेयर करने से भी एचआईवी का संक्रमण नहीं होता है।
संचालक स्वास्थ्य रानू साहू ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती माताओं को एचआईवी की जांच अवश्य करानी चाहिए। यदि गर्भवती माता संक्रमित है तो उन्हें मल्टी ड्रग या एआरवी दवाई जीवन भर लेनी चाहिए, साथ ही प्रसव पश्चात् बच्चे को लगभग 6 सप्ताह तक नेवरापिन का सिरप देना चाहिए। इससे बच्चा एचआईवी मुक्त होगा। वर्ष 2003 मंे प्रदेश मंे कुल 37 एचआईवी संक्रमित पाये गये थे जो इस वर्ष अक्टूबर 2017 तक कुल 28496 एचआईवी से संक्रमित हो गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार करने के कारण छुपे हुये एचआईवी संक्रमित सामने आ रहे हैं इसलिये एचआईवी संक्रमितांे की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। एचआईवी एड्स जागरूकता का परिणाम है कि अब लोग स्वयं जागरूक होकर एचआईवी की जांच आईसीटीसी केन्द्र में करा रहे हैं ।