बिलासपुर— बिलासपुर शहर को नियंत्रित करने के लिए 12 थानों की जरूरत है। जिस गति से बिलासपुर का विस्तार हुआ है उसकी तुलना में थानों की संख्या यथावत हैं। पुलिस बल की कमी और सीमित थानों के चलते अपराधियों पर लगाम लगाने में समस्या आ रही है। शासन से हमने कुछ नए थाने खोलने की बात की है। ये बातें पत्रकारों से चर्चा के दौरान बिलासपुर आई पवन देव ने कही।
शहर में थानों की संख्या सीमित है। जबकि नगर का विस्तार तेजी से हुआ है। सीमित बल और थाना होने के कारण अपराधियों को पकड़ने में देरी होती है। इसके चलते आम लोगों के साथ पुलिस को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आईजी पवन देव ने पत्रकारों से बताया कि हाईटेक अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस बल को भी हाईटेक और सश्क्त बनाना होगा। अपराधियों पर समय पर कार्रवाई नहीं होने से उनके हौंसले बुलंद हो जाते हैं। यदि समय पर कार्रवाई हो जाए तो अपराध और अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। इसके लिए पुलिस थानों के विस्तार के साथ बल को सशक्त करने की जरूरत है।
आई जी ने बताया कि सूदखोरों पर कार्रवाई लगातार चल रही है। सट्टा और जुआ को रोक पाना कठिन है। उन्होंने बताया कि आपरेशन मुस्कान को लगातार सफलता मिल रही है। अभी तक 10 बच्चों को घर भेजा जा चुका है। इनमें से कुछ लोगों का अपराधियों ने अपहरण किया था। उनकी भी तलाश की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आई जी ने बताया कि एक समय रायपुर में 12 थाने हुआ करते थे लेकिन आज शहर विस्तार के साथ वहां थानों की संख्या 24 हो चुकी है। लेकिन बिलासपुर में पिछले 20 सालों में 6 थानें से बढ़कर 7 थाने ही हैं। शहर तिफरा,मोपका और जरहाभाठा,मंगला समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां नए थानों का खोला जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रयास इस दिशा में किया जा रहा है।