सिटी सेन्टर को नहीं मिलेगा रास्ता…सारी उम्मीदें खत्म..उपायुक्त ने कहा शर्तों के अनुसार बनाएंगे दुकान

BHASKAR MISHRA
6 Min Read

CITY CENTERबिलासपुर—नगरीय प्रशासन विकास सचिव ने नगर पालिक निगम बिVIKAS BHAWANलासपुर के दावे पर मुहर लगा दिया है। प्रमुख सचिव ने नगर पालिक निगम को टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से नक्शा पास करवाने के बाद खसरा नम्बर 488 पर दुकान निर्माण करने का आदेश दिया है। प्रमुख सचिव का आदेश निगम प्रशासन को बुधवार को मिला। खबर मिलने के बाद सिटी सेंंटर संचालकों में सन्नाटा पसर गया है। 40 फिट रास्ता पाने का सपना पूरी तरह से टूट गया है।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे


क्या है ये मामला
पुराना  बस स्टैंड चौक से रविद्रनाथ टेगोर चौक के बीच नगर पालिक निगम की दुकानों के पीछे सिटी सेंटर का निर्माण किया गया है। पास में ही लार्डीकर की क्लिनिक भी है। बिलासपुर इंफ्रास्ट्रक्चर के संचालकों ने नगर पालिक निगम की  दुकानों को तोड़कर नक्शे में अवैधानिक तरीके से 40 फीट का रास्ता दिखाया था। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को भी अंधेरे में रखकर सिटी सेन्टर संचालकों ने तात्कालीन समय नक्शा पास करवा लिया। नक्शा पास होने के बाद संचालकों ने सिटी सेन्टर निर्माण कार्य को तेज कर दिया।



निर्माण कार्य के दौरान सिटी सेंटर चालकों ने नगर पालिक निगम की जमीन खसरा क्रमांक 488 पर स्थित, पूर्व दुकानों को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में प्रकरण दायर किया। निर्णय से पहले हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश ने स्थल निरीक्षण भी किया था। निरीक्षण और दस्तावेजों के आधार पर मुख्य न्यायाधीश ने खसरा क्रमांक 488 की जमीन को नगर पालिक निगम का बताया। न्यायाधीश ने प्रकरण को छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय निकाय विकास विभाग प्रमुख सचिव को सौंप दिया। न्यायालय ने बताया कि स्पष्ट हो चुका है कि खसरा नम्बर 488 की जमीन निगम प्रशासन की है। इसलिए सिटी सेन्टर के लिए रास्ता दिया जाए या नहीं निर्णय लेने का अधिकार नगरीय प्रशासन को है। न्यायालय ने यह भी कहा कि सिटी सेन्टर संचालकों ने काम्पलेक्स निर्माण के दौरान कूट रचित दस्तावेज पेश कर टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से नक्शा पास कराया है। मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया कि प्रमुख सचिव निर्णय लेंगे के जमीन का उपयोग किस तरह किया जाना है।मालूम हो कि सिटी सेन्टर संचालकों ने टीएनसी और हाईकोर्ट को बताया था कि निगम की दुकान सिटी सेंटर की जमीन पर है । इसलिए दुकानों को तोड़कर रास्ता 40 फिट रास्ता बनाया जाएगा।



ट्रैफिक दबाव कम..बनाएंगे दुकान

निगम उपायुक्त मिथिलेश अवस्थी ने बताया कि न्यायालय के सामने नगर पालिक निगम और दुसरी पार्टियों ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा था। निगम ने बताया कि हाईकोर्ट और बस स्टैण्ड दोनों शहर से बाहर हैं। जिसके चलते शिव टाकीज से पुराना बस स्टैण्ड के बीच ट्रैफिक दबाव कम हुआ है। सड़क की वर्तमान चौड़ाई 80 फिट से अधिक है। इसलिए खाली खसरा नम्बर 488 पर निगम ने दुकान बनाने का फैसला किया है।सुनवाई पूरी होने के बाद मामला प्रमुख सचिव के पास गया। शासन ने नगर पालिक निगम को आदेश दिया है कि खसरा नम्बर 488 की जमीन पर  दुकान बना सकता है। इसके लिए निगम को टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से नक्शा पास करवाना होगा। आदेश मिलने के बाद मिथिलेश अवस्थी ने खुशी जाहिर की है।



खतरे में सिटी सेन्टर
निगम प्रशासन सचिव के आदेश के बाद सिटी सेंटर पर खतरे के बादल छा गए हैं। सिटी सेन्टर संचालकों में सन्नाटा पसर गया है। संचालकों ने सिटी सेन्टर निर्माण के समय कूटरचित दस्तावेज पेश कर टीएनसी से नक्शा पास करवाया था। टीएनसी के अनुसार किसी भी व्यावसायिक परिसर तक पहुंंचने के लिए कम से कम 40 फुट की सड़क होना जरूरी है। जबकि सिटी सेंटर तक पहुचने के लिए मात्र 30 फिट चौड़ा रास्ता है। निर्धारित शर्तों से बहुत कम है। ऐसी सूरत में सिटी सेंटर का व्यावसायिक उपयोग मुश्किल है।मालूम हो कि नक्शा पास करते समय निगम प्रशासन ने 40 फीट रास्ता होने के दावे को नकार दिया था। सिटी सेन्टर संचालकों ने मामले को निगम समेत उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय में पेश किया। लेकिन संचालकों को हर जगह निराश होना पड़ा। कोर्ट ने सिटी सेंटर के निर्माण को पहले से अवैध ठहरा दिया है। क्योंकि निर्माण के लिए संचालकों ने शासन के सामने झूठे दस्तावेज, सीमांकन रिपोर्ट और शपथ पत्र पेश किया था।



निर्देशों का होगा पालन
निगम उपायुक्त मिथिलेश अवस्थी ने सीजी वाल को बताया कि शासन और हाईकोर्ट के दिशा निर्देश का पालन किया जाएगा। प्रकरण में तीन पक्षों ने दावा किया था। कोर्ट में प्रकाश लार्डीकर ने अपना पक्ष नहीं रखा। दो लोग इन्टरविनर थे। हाईकोर्ट के साथ शासन ने भी निगम के पक्ष में आदेश दिया है। हाईकोर्ट और बस स्टैण्ड नहीं होने से ट्रैफिक दबाव कम हुआ है। निगम का  फैसला है कि जमीन का कमर्शियल उपयोग किया जाएगा । इसलिए खसरा नम्बर 488 की भूमि पर दुकानें बनाई जाएंगी। दुकान निर्माण के दौरान हाईकोर्ट,शासन और टीएनसी के शर्तों का पालन किया जाएगा।

close