रिवर्ट के खिलाफ प्रमोटी अधिकारियों का ब्रेक…बोर्ड की तानाशाही का किया विरोध…कहा नहीं होने देंगे गलत काम

BHASKAR MISHRA
6 Min Read

IMG20171218162423बिलासपुर—रेलवे के बडे अधिकारी तानाशाही कर रहे हैं। इन्कम टैक्स के फरमान को रेलवे पर थोप दिया है। रेलवे के ए ग्रेड अधिकारियों की यह बहुत बड़ी साजिश है। देश के 29 कैट न्यायाधीधों ने रिवर्ट के आदेश को गलत बताया है। लेकिन रेलवे बोर्ड पटना कैट के फैसले को देश पर थोप दिया है। यह बातें रेलवे प्रमोटी आफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता के दौरान कही। ॉ

Join Our WhatsApp Group Join Now

                 पदाधिकारियों ने बताया कि प्रमोटी अधिकारियों के साथ ए ग्रेड अधिकारियों की बहुत बडी साजिश है। इन्कम टैक्स विभाग पर परमार के रिपोर्ट को आधार बनाकर रेलवे बोर्ड ने 108 प्रमोटी अधिकारियों को रिवर्ट कर दिया। 300 लोग प्रभावित होने वाले हैं। बताया जा रहा है कि साल 2012 से आज तक प्रमोटी अधिकारियों को भी रिवर्ट किया जाएगा। हम लोग तानाशाही के खिलाफ अंत तक लड़ेंगे। न्याय नहीं मिला तो अधिकारियों के गैर कानूनी कामों को ना केवल उजाकर करेंगे। विरोध करने का मौका भी नहीं छोडेंगे।

                        इंडियन रेलवे प्रमोटी आफिसर्स फेडरेशन पदाधिकारियों ने रेलवे बोर्ड की रिवर्ट कार्यवाही का विरोध किया है। रेलवे प्रमोटी आफिसर्स फेडरेशन के सचिव रमन कुमार शर्मा और अध्यक्ष आर.के.तिवारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड ए ग्रेड अधिकारियों की तानाशाही को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इन्कम टैक्स विभाग पर दिए जस्टिस परमार के जजमेन्ट को रेलवे पर थोपा है।

               रजत कुमार शर्मा और आर.के.तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि रेलवे बोर्ड ने 6 दिसम्बर 2017 को  मई 2016 के बाद सभी प्रमोटियों को रिवर्ट करने का फरमान जारी किया। मई 2016 जारी आदेश के अनुसार रिवर्ट का आदेश ग्रुप ए और बी दोनों के लिए था। लेकिन ग्रुप ए के प्रभावित किसी एक चहेेते के लिए रेलवे बोर्ड ने 7 दिसम्बर को रिवर्ट आदेश जारी कर फरमान केवल बी ग्रुप के लिए बताया। इससे यह जाहिर होता है कि रेलवे बोर्ड बी ग्रुप अधिकारियों से सौेतेला व्यवहार करता है।

                        रजत और तिवारी के अनुसार रेलवे में अधिकारियों की भर्तियां दो तरह से होती है। एक वर्ग सीधे संघ लोकसेवा की परीक्षा से आता है। दूसरा अनुभव के आधार पर सीढ़ी दर सीढ़ी प्रमोशन से ऊपर के पदों पर पहुंचता है। रेलवे का सारा काम प्रमोटी अधिकारियों के अनुभवों से चलता है। अब अनुभवी प्रमोटी अधिकारियों के हितों को रेलवे के बड़े अधिकारी नुकसान पहुंचाने बाज नहीं आ रहे हैं।

              सवालों का जवाब देते हुए रजत ने बताया कि रेलवे बोर्र्ड के फैसले के खिलाफ देश के 29 कैट न्यायाधीशों ने स्थगन आदेश दिया। बावजूद इसके पटना कैट के आदेश को सभी जोन पर थोपा गया। पदोन्नत अधिकारियों को पुराने पोस्ट पर भेजा जा रहा है। हम लोगों ने फैसला किया गया है कि रेलवे बोर्ड की तानाशाही के खिलाफ हर संभव संघर्ष करेंगे।

                                 प्रमोटी अधिकारियों ने बताया कि हम लोग हाईकोर्ट से केस हार चुके हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। लेकिन संघर्ष से पीछे हटने वाले नहीं है। प्रमोशन भीख में नहीं…योग्यता और अनुभव से हासिल किया है। जानकारी मिल रही है कि रेलवे बोर्ड ने साल 2012 के बाद सभी प्रमोटी अधिकारियों को रिवर्ट करने का फैसला किया है। फैसले को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

गलत कार्यों का करेंगे विरोध

            रजत कुमार और आर.के तिवारी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि अधिकारियों के गलत काम में अब सहयोग नहीं करेंगे। जिन्होने हमारा जड़ खोदा है उन्हें भी मजा चखाया जाएगा। किस प्रकार का गलत काम के सवाल पर प्रमोटी अधिकारी संगठन प्रमुख जबाव देने से बचते रहे। बावजूद इसके उन्होने बताया कि अब बुके,गिफ्ट,लाल कालीन बिछाने का काम नहीं किया जाएगा। मौखिक आदेशों को नजर अंदाज किया जाएगा। इसके घोटालों की पर्त खुलने लगेगी। रेलवे अधिकारियों का असली चेहरा सामने आ जाएगा।

               एक प्रमोटी अधिकारी ने बताया कि अधिकारी लोग चहेतों को  नान फंक्शन एसएजी,एचएजी ग्रेड दे देते हैं। ऐसे लोग जे ग्रेड के होते हैं। बिना पोस्ट मानिटरिंग बेनिफिट दिया जाता है। चहेतों को तीन चार साल का वेतन समेत अन्य सुविधाएं मिलती है। अब ऐसा हरगिज नहीं होने दिया जाएगा।

क्या है जस्टिस परमार का फैसला

                प्रमोटी अधिकारी ने बताया कि जस्टिस परमार का फैसला इन्कम टैक्स विभाग के लिए है। जब रेलवे का फैसला अन्य विभागों पर थोपा नहीं जा सकता है तो पिर इन्कम टैक्स का फैसला रेलवे पर क्यों थोपा जा रहा है।

close