जांजगीर-चांपा।जिले के अकलतरा, बलौदा, जैजैपुर एवं डभरा तहसील में औसत से कम वर्षा होने के कारण शासन द्वारा इन क्षेत्रों को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य तहसीलों में भी अल्पवृष्टि, खण्डवृष्टि के कारण भूमिगत जल स्तर में गिरावट परिलक्षित हो रही है। फलस्वरूप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा निर्मित किये गये विभिन्न पेयजल स्त्रोतों तथा नलकूप, नल-जल प्रदाय योजना, सिंगलफेस पावर पंप इत्यादि से जल की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है। ग्रीष्म ऋतु में जल आपूर्ति और अधिक प्रभावित होने की संभावना को देखते हुए कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन द्वारा पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं पेयजल की निरंतरता बनाये रखने के लिए छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3 के अंतर्गत संपूर्ण जांजगीर-चांपा जिले को आगामी मानसून तक जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।
कार्यालय कलेक्टर से जारी इस आदेश के अनुसार कलेक्टर की अनुज्ञा के बिना जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र में जल स्त्रोतों से सिंचन या औद्योगिक प्रयोजन के लिए अथवा किसी अन्य प्रयोजन के लिए जल लेने पर प्रतिबंध है। अधिनियम 1986 की धारा 4 के अंतर्गत जनता को घरेलु प्रयोजनों हेतु जल प्रदाय सुनिश्चित करने के लिए जल का परिरक्षण किया जाएगा।
आगामी मानसून तक सक्षम अधिकारी के पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप खनन नहीं किया जा सकेगा, लेकिन शासकीय एजेंसी जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संपूर्ण जिले में तथा नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों को केवल पेयजल हेतु अपनी नगरीय निकाय क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन या जल स्त्रोतों का दोहन होने पर पेयजल परिरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।