1100 किलोमीटर पदयात्रा के बाद साईं दर्शन..अरविन्द बनाएंगे बिलासपुर का रिकार्ड..भक्तों ने किया जगह जगह स्वागत

BHASKAR MISHRA
4 Min Read

Screenshot_2017-12-21-11-23-16-63बिलासपुर– उम्र 60 साल रिटायर्ड बैंक कर्मचारी अरविन्द वाजपेयी पर्वतराज हिमालय की तरह भीष्म प्रतिज्ञा के साथ 1100 किलोमीटर की बिलासपुर से शिरडी पदयात्रा पर सुबह 9 बजे रवाना हुए। जगह जगह अरविन्द वाजपेयी की उतारी गयी। लोगों ने चरण स्पर्श कर बाबा सांई नाथ के नाम शुभकामना संदेश भी भेजा। अरविन्द ने बताया कि बहुत दिनों बाद बाबा का बुलावा आया। और मैं दर्शन के लिए घर से निकल गया हूं। पूरे एक महीने बाद बाबा के दर्शन होंगे। इस दौरान छत्तीसगढ मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में पदयात्रा के दौरान लोगों का स्नेह मिलेगा। इसी स्नेह के रास्ते बाबा के धाम पहुंचुंगा।
cfa_index_1_jpg

Join Our WhatsApp Group Join Now



                 अरविन्द वाजपेयी पर्वतराज हिमालय से बड़ा संकल्प लिया और बाबा सांई नाथ का दर्शन करने पदयात्रा पर आज धूमधाम से निकले। अरविन्द वाजपेयी के साथी और साँई भक्त सुदेश दुबे ने बताया कि अरविन्द वाजपेयी ने भक्तों के लिए मिशाल पेश किया है। छत्तीसगढ,मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र होकर शिरडी साँई धाम तक 1100 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। पूरे एक महीने बाद पदयात्रा का समापन बाबा साई राम के दरबार पहुंचने के बाद होगा। साई भक्त सुदेश दुबे के अनुसार मेरी जानकारी में बिलासपुर ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में अरविन्द वाजपेयी पहले साँई भक्त हैं जिन्होने 1100 किलोमीटर पैदल चलकर साई दर्शन की प्रतीज्ञा की है। पूरा विश्वास है कि साईराम अरविन्द वाजपेयी की मनोकामना को पूरी करेंगे।

                   मालूम हो कि अरविन्द वाजपेयी छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। जनता कांग्रेस जिला कार्यकारी अध्यक्ष संतोष दुबे ने बताया कि अरविन्द वाजपेयी से उनका समधी का रिश्ता है। उन्होने पदयात्रा का फैसला घर परिवार के साथ मिलकर लिया है। उन्होने बहुत पहले ही 1100 किलोमीटर की पदयात्रा के बाद साँई दर्शन का फैसला कर लिया था। आज सुबह राजस्व कालोनी साई पालकी के साथ यात्रा का शुभारम्भ हुआ। 1100 किलोमीटर पदयात्रा के दौरान उनके साथ लोग पूरे समय मौजूद रहेंगे। खासतौर एक व्यक्ति उनके साथ पदायात्रा में शामिल रहेगा।बिलासपुर से शिरड़ी तक पदयात्रा के आगे सांई पालकी भी चलेगी।IMG20171221102507

          अरविन्द ने बताया कि मेरे में इतनी शक्ति नहीं है कि 1100 किलोमीटर की पदयात्रा कर सकूं। साई कृपा हुई और मैं आज पदयात्रा के लिए निकल पड़ा हूं। यदि साई की कृपा हुई तो पूरे एक महीने बाद दरबार में दर्शन करने का सौभाग्य मिल जाएगा। अरविन्द ने बताया कि पदायात्रा के लिए साई कृपा से पत्नी का विशेष मार्गदर्शन मिला है। उन्होने कहा कि बाबा के दरबार में पहुचकर सर्वमंगल की कामना करूंगा। बिलासपुर समेत प्रदेश के विकास और सौहार्द्र के लिए साईनाथ से प्रार्थना करूंगा।

                  अरविन्द ने कहा कि मैं रिकार्ड बनाने के लिए पदयात्रा नहीं कर रहा। मुझे साई ने पैदल आने कि लिए कहा और लोगों के सहयोग से निकल पड़ा हूं। वाजपेयी ने बताया कि आज सरगांव पहुंचकर पहले दिन की पदयात्रा खत्म होगी। मैने साईकृपा से लक्ष्य बनाया है कि हर दिन कम से कम 30-35 किलोमीटर की पदयात्रा करूं। यदि कृपा हुई तो एक दिन में इससे भी दूरी तय करने की कोशिश करूंगा। अंत में उन्होने बताया कि आज तक डॉक्टर को नाड़ी नहीं दिखाया। ऐसे में मेरे उम्र को लेकर लोगों को संशय करने की जरूरत नहीं है। जिसके सिर पर साईनाथ की छाया होती है…उसे किसी से डर या भय की जरूरत नहीं है।

close