जिला पंचायत का यू टर्न…मूत्रालय निरीक्षण का तुगलकी फरमान वापस..कैसे हुआ…बच्चों और शिक्षकों का अपमान

BHASKAR MISHRA
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IMG-20171222-WA0070बिलासपुर—जिला पंचायत धमतरी ने जिले के समस्त संकुल और स्कूलों  को जारी मू्त्रालय निरीक्षण का तुगलकी फरमान वापस ले लिया है। जिला पंचायत राजीव शिक्षा मिशन से जारी आदेश के अनुसार क्लास टीचर और मानिटर को मूत्रालय उपयोग के समय फोटो लेने का आदेश था। सुनिश्चित करने को कहा गया था कि मूत्रालय का उपयोग समुचित तरीके किया जा रहा है या नहीं। साफ सफाई को भी ध्यान रखने का निर्देश दिया गया था। आदेश का शिक्षाकर्मियों ने विरोध किया।  दबाव में आकर जिला पंचायत को आदेश वापस लेना पड़ा है।

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             शिक्षाकर्मियों के भारी विरोध के बीच जिला पंचायत धमतरी को मूत्रालय निरीक्षण का आदेश वापस लेना पड़ा है। शिक्षक मोर्चा पदाधिकारी अमित नामदेव ने बताया कि सीजी वाल ने सबसे पहले फरमान पर समाचार बनाया। जानकारी मिलने के बाद प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मी संघों ने धमतरी जिला पंचायत के तुगलकी फरमान का विरोध किया। जिला पंचायत के तुगलकी फरमान से जाहिर हो गया है कि शिक्षाकर्मियों और शिक्षकों की सरकार की नजर में क्या हैसियत है। बेसिर पैर के आदेश से प्रदेश में जिला पंचायत धमतरी की छीछालेदर हुई है। आखिर में आदेश को वापिस लेने को मजबूर होना पड़ा।

                   शिक्षक मोर्चा पदाधिकारी अमित के अनुसार आदेश से बच्चों और शिक्षकों का अपमान हुआ है। आदेश निकालते समय अधिकारियों ने नैतिकता को ताक पर रखा। सोचने वाली बात है कि क्या अधिकारियों की इतनी भी जानकारी नहीं कि क्लास टीचर जेन्ट्स और स्कूल छात्राओं की स्थिति में फोटोग्रापी कराना उचित होगा। लगता है कि अधिकारियों को इतना भी नही मालूम कि क्लास टीचर महिला की स्थिति में मूत्रालय का उपयोग करते समय बच्चों का फोटो लेना निजता का उल्लंघन कहलाएगा। अमित ने कहा कक्षा प्रतिनिधि की गिनती होनहार छात्रों में होती है। यदि नहीं भी होती तो ..क्या बच्चे घर से स्कूल का मूत्रालय निरीक्षण करने के लिए आएंगे। आदेश को लेकर ऐसे तमाम प्रश्न हैं…अधिकारियों को जवाब देना होगा।

                      अमित ने कहा कि यह सच है कि मीडिया के दबाव में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तुगलकी फरमान वापस लेना पड़ा। बावजूद इसके एक बार फिर शिक्षाकर्मियों और प्रतिभावान बच्चों का शासन ने अपमान किया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तुगलकी फरमान से प्रदेश को शर्मिन्दा होना पड़ा है। शिक्षाकर्मी संघ प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ने बताया कि इस तरह के फरमानों का शिक्षाकर्मी भाई विरोध करते हैं। भविष्य में ऐसे किसी भी आदेश का विरोध किया जाता रहेगा।

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