नईदिल्ली।2जी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले के बाद सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती है। इस मामले में कंपनियों के रद्द किए गए आवंटित स्पेक्ट्रम के चलते अब कंपनियां सरकार को मुआवजे के लिए नोटिस थमा सकती है।सूत्रों के मुताबिक वीडियोकॉन टेलिकम्यूनिकेशन, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में सीबीआई अदालत से मिली क्लीन चिट के बाद सरकार को 10 हज़ार करोड़ रुपये का कंपनसेशन क्लेम भेजने की तैयारी कर रही है।मामले से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘वीडियोकॉन कम्यूनिकेशन सरकार को कम से कम 10 हज़ार करोड़ का कंपनसेशन स्यूट (मुआवजा नोटिस) भेजने की तैयारी कर रही है। नुकसान का अनुमानित आंकलन 10 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा का है और कंपनी दावा ठोंकने के लिए अंतिम रकम पर काम कर रही है।’
सीबीआई अदालत ने साल 2008 के 2जी स्पेक्ट्रम आंवटन मामले में 21 दिसंबर 2017 को मामले से जुड़े दूरसंचार मंत्री ए राजा समेत सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में ए राजा के कार्यकाल में आंवटित किए गए 122 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे। जिसमें से 15 लाइसेंस वीडियोकॉन के थे। कंपनी ने दूरसंचार परमिट (अनुमति) खरीदने के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वीडियोकॉन ने स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लिया और 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड की परमिट हासिल किया, जिसे उस वक्त 2जी स्पेक्ट्रम कहा जाता था।
कंपनी ने नवंबर 2012 में छह सर्किल बिहार, यूपी (ईस्ट), यूपी (वेस्ट), हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात के लिए 2,221.44 करोड़ रुपये खर्चे थे। मिली जानकारी के मुताबिक ‘वीडियोकॉन कम्यूनिकेशन्स को टेलीकॉम सर्विस के कारोबार के लिए 25,000 करोड़ रुपये का बिज़नेस लोन लेना पड़ा था। टेलीकॉम लाइसेंस के रद्द होने पर कंपनी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था।’इसके बाद कंपनी स्पेक्ट्रम नीलामी में ऊंची कीमतों के चलते कारोबार में नहीं टिक सकी थी और बाद में 2012 में खरीदे सभी स्पेक्ट्रम भारती एयरटेल को नीलाम किए गए थे।