बिलासपुर—आज दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मेन्स कांग्रेस और मजदूर संगठन समेत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कई संगठनों ने एक होकर देवराज कमेटी रिपोर्ट का डीआरएम कार्यालय के सामने विरोध किया। इस दौरान संगठन कमेटी के चेयरमैन विवेक देवबराय का पुतला दहन भी किया गया।
एसईसीआरएमसी के महासचिव के.एस.मूर्ति ने बताया कि देवराय समिति की रिपोर्ट विसंगतियों से भरा हुआ है। इसके लागू होने से भारतीय रेल में एक खाई बन जाएगी। एक तरफ रिपोर्ट में रेल संचालन और स्टेशन प्रबंधन की जिम्मेदारी सरकार के हाथों में होने की बात कही जारही है तो दूसरी तरफ परिचालन के साथ जुड़े अन्य प्रशासकीय कार्यों को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया गया है। मूर्ति ने बताया इस प्रकार की रिपोर्ट रूल एण्ड डिवाइड को बढ़ावा देने वाली है।
संगठन के महासचिव ने बताया कि परिचालन और प्रबंधन में सरकार का हाथ रहे हम भी चाहते हैं लेकिन अन्य सहयोगी संस्थाओं को निजी हाथों में सौपने का हम विरोध करते हैं। मूर्ति ने बताया कि रेलवे के पास पर्याप्त संसाधन हैं लेकिन उसका उपयोग अकर्मण्य लोगों के कारण नहीं हो पा रहा है। जमीन लावारिस स्थिति में हैं कई सुधार योजनाएं ढंडे बस्ते में हैं. कर्मचारियों के पेंशन नहीं दिये जा रहे हैं, स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद से बदतर हैं। सरकार अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए रेल के सहयोगी संस्थानों को निजी हाथों में सौंपकर अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहती है।
मूर्ति ने बताया निजी हाथों में जाने से स्वास्थ्य सुविधाएं गरीब और छोटे कर्मचारियों से बहुत दूर जाएंगी। मजदूरों का शोषण उपर से होगा। जबकि रेल प्रशासन का दायित्व बनता है कि वह अपने कर्मचारियों की सुविधाओं का ध्यान रखे। लेकिन वह अब अपनी जिम्मेदारियों से बचना चाहता है। मूर्ती ने एलान किया है कि 23 नवम्बर दिल्ली में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यदि शासन नहीं मानेगा तो रेल बंद आंदोलन चलाया जायेगा