रायपुर । बीजापुर जिले में पिछले सोमवार को अपहृत किए गए चार जवानों की नक्सलियों ने हत्या कर दी है। चारों जवान स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ) के रूप में काम रहे थे। उनकी हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले सोमवार को नक्सलियों ने बीजापुर जिले में कुटरू के आस-पास गुजरने वाली बसों की तलाशी ले रहे थे। इस दौरान बस में सफर कर रहे जवानों को उतारकर अपने साथ ले गए। इसी दौरान मोटरसायकल पर सफर कर रहे जवानों का भी अपहरण कर लिया गया था । इस तरह चार जवानों का अपहरण कर लिया गया था। करीब दो दिन के बाद कुटरू थानाअंतर्गत गुदमा के पास इन जवानों के शव सड़क पर पाए गए। जिनकी पहचान जयदेव यादव,मंगल सोंढ़ी,राजू टेला और रामा मान्जी के रूप में हुई है।साथ ही नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके हैं। जिसमें इन जवानों पर सलवा-जुड़ुम के दौरान गांवों में लूटपाट, गांव के लोगों से मारपीट और अत्याचार के आरोप लगाए गए हैं।
अपहृत जवानों की लाश मिलने के बाद आस-पास इलाके में दहशत का माहौल है। इस सिलसिले में गुदमा, सकनापल्ली, फरसेगढ़, कुटरू ,बेदरे में बंद रहा। खबर मिली है कि उस इलाके से गगुजरने वाली बसों को रोककर चेतावनी दा गई है कि सुरक्षाकर्मियों को बस में बैठाया गया तो जान देनी पड़ सकती है।
रमन ने की निंदा
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा अपहरण के बाद चार सहायक आरक्षकों की हत्या किए जाने की तीव्र निंदा की है। डॉ. सिंह ने कहा है कि यह नक्सलियों की कायरतापूर्ण, शर्मनाक और अमानवीय हरकत है। लोकतंत्र और सभ्य समाज में इस प्रकार की घृणित हिंसक घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत सहायक आरक्षकों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में हम सब इन परिवारों के साथ हैं। डॉ. सिंह ने कहा है कि नक्सलियों ने सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने के लिए इस प्रकार की निन्दनीय हरकत की है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा बलों के बहादुर जवानों का मनोबल बहुत ऊंचा है और वे बीजापुर जिला सहित सम्पूर्ण बस्तर अंचल को नक्सल हिंसा और आतंक से मुक्त कराने के लिए हिम्मत और हौसले के साथ मोर्चे पर तैनात हैं।