डिकेश का आरोप जनता कांग्रेस में भाई भतीजावाद…अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ अध्यक्ष ने कहा…बौखलाहट में दिया बयान

BHASKAR MISHRA
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Screenshot_2017-12-29-19-59-17-19बिलासपुर—बर्खास्तगी के बाद जिला जनता कांग्रेस यूथ अध्यक्ष डिकेश डहरिया को पार्टी ने पद से हटा दिया गया है। पद से हटाए जाने के बाद डिकेश डहरिया ने पत्रकारों से रूबर होकर जनता काग्रेस प्रमुख पर भाई भतीजावाद का आरोप लगाया है। डिकेश ने बताया कि जोगी पार्टी के नेता जय भीम नहीं बल्कि जय जोगी पर विश्वास करते हैं। इसलिए मैं पत्रकारों के सामने पार्टी से इस्तीफा देता हूं।

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                आपत्तिजनक पोस्ट डाले जाने के बाद जोगी कांग्रेस जिला यूथ नेता डिकेश डहरिया को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। पद से हटाने से कुछ देर पहले ही डिकेश ने पत्रकारों से बातचीत की। डिकेश ने पत्रकारों को बताया कि मुझ पर संतोष कौशिक अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। जब बसपा में थे तो उन्हें जय भीम से एतराज नहीं था। लेकिन जनता कांग्रेस में आते ही जय भीम से नफरत करने लगे। दरअसल जनता कांग्रेस नेता चाहते हैं कि मैं जय जोगी बोलूं।

                                 डिकेश डहरिया ने बताया कि इसके पहले पार्टी मुझे निकाले मैं पार्टी और पद दोनों से इस्तीफा देता हूं। डिकेश डहरिया ने जोगी पर भाई भतीजावाद का आरोप लगाया है। डिकेश ने जनता कांग्ररेस पार्टी के नेताओं को सतनाम पंथ विरोधी बताया।

 मालिक राम ने किया खंडन

                डिकेश डहरिया के आरोपों को खारिज करते हुए जनता कांग्रेस नेता मालिक राम डहरिया ने कहा कि डिकेश बौखलाहट और विपक्षी पार्टीयों के इशारे पर प्रायोजित बयान दे रहे हैं। डिकेश डहरिया पिछले कुछ दिनो से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं। उन्होने सतनामी भाइयो को भ्रमित किया है। इसलिए पद से हटाया गया है। मालिक राम ने बताया कि जोगी परिवार पर लगाया गया आरोप निंदनीय है। जोगी परिवार कभी भी सतनाम और सतनामी सामाज के विरोध में काम नहीं किया। जोगी परिवार ना केवल सतनाम समाज के अनुयायी रहे बल्कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के चिन्हो पर चलकर मिशाल कायम किया है।

                              अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष मालिक राम डहरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही छत्तीसगढ़ में गुरु पर्व मनाने की परंपरा की शुरु हुई। बाबा गुरु घांसी दास के जन्म स्थली और तपोभूमि गिरौधपूरी धाम में क़ुतुब मीनार से ऊँचा जय स्तम्भ बनाया। 26 जनवरी और 15 अगस्त को सजा याफ्ता कैदियों की रिहाई की जाती रही है। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद अजित जोगी ने 18 दिसम्बर को बाबा गुरुघांसी दास जयंती पर कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। इस परम्परा को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है।

                 डीकेश डहरिया ने विपक्षियों के इशारे पर सतनामी सामाज को गुमराह करने और बाँटने का काम किया है। मालिक राम ने बताया कि महापुरुष और उनका जीवन किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं होता। बाबा गुरू घासी दास सभी धर्म में पूजनीय हैं। समाज का कोई वर्ग डिकेश जैसे लोगों के बयानवाजी में नहीं फंसने वाला है।

 

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