बिलासपुर।नेशनल आई एम ए के आवहान पर आई एम ए छत्तीसगढ़ इकाई ने नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल के विरुद्ध आंदोलन छेड़ दिया है।इस आंदोलन के अंतर्गत मंगलवार 2 जनवरी को सुबह 6 बजे से सायं 6 बजे तक सभी ओ पी डी संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं बन्द रखी जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका असर पड़ा है। कई प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को भटकते देखा गया। जबकि जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी।आईएमए की विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिस एक्ट के विरोध मे हडताल की जा रही है, उसके लागब होने से क्वेकुरी (मिथ्या चिकित्सा),ब्रिज पाठ्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा। जिससे देश की स्वास्थ्य सेवायों पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।अनुचित एवं भ्रष्ट चिकित्सा शिक्षा प्रणाली का विस्तार होगा। इसी तरहनेशनल एग्जिट परीक्षा-छात्रों पर अनुचित व अत्यधिक तनाव व दबाव बढ़ेगा।इस एक्ट के तहत एक प्रोफेशनल बॉडी को हटा कर उसमें सरकार अपने चु्ने हुए नुमाइंदो अथवा राजनेताओ के हाथ में सारी चिकित्सा शिक्षा दे देना चाहती है। जो सर्वथा अनुचित है।इससे चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि किसी भी आयुष,होमियोपैथ अथवा यूनानी डॉ को ब्रिज पाठ्यक्रम करा कर उसे एलोपैथी की प्रैक्टिस की इजाज़त देना,देश की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने जैसा है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेस को अपने तरीके से 40% सीटों पर फीस निर्धारित करने देना।जो सर्वथा अनुचित है क्योंकि तब सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अपनी मर्ज़ी की फीस वसूलेंगे।जिससे आम आदमी के लिए चिकित्सा शिक्षा एक दूर का सपना बन कर रह जायेगी।
हम सभी प्रिशिक्षित डॉक्टर्स इस एक्ट की घोर निंदा करते हैं और भारत सरकार को आगाह करते हैं की ऐसे एक्ट लाने से देश की स्वास्थ्य सेवाएं आने वाले समय में चरमरा जाएंगी और देश में अच्छे डॉक्टर्स न होने से देश की छवि धूमिल होगी।
जिला अस्पताल में मरीजों की उमड़ी भीड़
डॉ भाटिया सिविल सर्जन जिला अस्पताल ने बताया कि यहां कोई हड़ताल नही है।मिली जानकारी के अनुसार निजी डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए हुए है।