बिलासपुर—संगठन से बड़ा विधायक नहीं होता। अमित जोगी सहकारी बैंक मामले में अपने स्तर पर आंदोलन कर सकते हैं लेकिन प्रदेश कांग्रेस का फोकस नान घोटाला और भूमि अधिग्रहण बिल पर ही होगा। बरसात के बाद राहुल गांधी का फिर दौरा होगा। लेकिन इस बार किसी दूसरे संभाग की पदयात्रा करेंगे। प्रदेश भाजपा सरकार का कप्तान जल्द ही बदलने वाला है। आरएसएस और भाजपा संगठन ने नए कप्तान की तलाश शुरू भी कर दी है। यह बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आज हाईकोर्ट में एक मामले में सुनवाई के पहले छत्तीसगढ़ भवन में कही।
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पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार की जहाज डूबने लगी है। भाजपा अब नए कप्तान की तलाश कर रही है। भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व की गलतफहमी है कि मुख्यमंत्री बदल देने से नान घोटाला को लोग भूल जाएंगे। भूपेश बघेल ने बताया कि नान घोटाला के तार मुख्यमंत्री के निवास और उनके रिश्तेदारों के घर तक कनेक्ट हैं। इसमें अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला की महति भूमिका है। यदि इन दोनों पर कार्रवाई हो जाए तो सारा मामला सामने आ जाएगा। कार्रवाई होने के बाद 36 हजार करोड़ रूपए का नान घोटाला का स्वरूप और व्यापक रूप में देखने को मिलेगा। बघेल ने बताया कि कार्मिक विभाग ने दोषी होने का प्रमाण केन्द्र को भेज दिया है बावजूद इसके मुख्यमंत्री इन दोनों को बचाना चाहते हैं।
भूमि घोटाले के प्रश्न पर भूपेश बघेल ने बताया कि सरकार से लेकर सरपंच तक भाजपा के सभी जनप्रतिनिधि सरकारी और चारागाह जमीन की बंदर बांट कर रहे हैं। कोरिडोर के नाम पर निजी जमीनों को बिना बताए सरकार हड़पने की तैयारी में है। प्रतिप्रश्न पर भूपेश बघेल ने बताया कि हमारा विरोध जमीन अधिग्रहण की नीतियों को लेकर है। पहली बात तो जमीन अधिग्रहण के समय किसानों से राय नहीं लिया जाना गलत है। मुआवजा का सही मूल्यांकन ना होना भी हमारा मुख्य मुद्दा है।
सहकारी बैंक घोटाले पर पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा कि अमित जोगी विधायक हैं लेकिन उनसे बड़ा कांग्रेस का संगठन है। हमारे पास नान घोटाला और जमीन अधिग्रहण बिल का मुख्य मुद्दा है। उसे लेकर हम लगातार लड़ाई रहे हैं। यदि अमित जोगी को लगता है तो वह स्थानीय स्तर पर आंदोलन करें। तो वह कर सकते हैं। लेकिन उनका यह दावा कि बैंक के मुद्दे को लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन किया जाएगा तो इस पर अभी तक विचार नहीं किया गया है।
भूपेश बघेल ने सीजी वाल के एक प्रश्न के जवाब में बताया कि एलेक्स पाल मेमन के अपहरण को लेकर सरकार से लेकर गैर सरकारी संगठन तक एकता का परिचय दिया था। लेकिन जो हमारे रक्षक हैं उनका अपहरण हुआ और बाद में लावारिश लाश सड़क पर घंटो पड़ी रही, किसी ने आवाज क्यों नहीं उठाई। भूपेश ने बताया कि उस समय भोपाल में मंत्री लोगों की मंत्रणा चल रही थी और नक्सल मामलों के आलाधिकारी आर.के.बिज रायपुर में आराम फरमा रहे थे। इससे बड़ी संवेदनहीनता भाजपा सरकार की क्या हो सकती है।
भूपेश ने मोदी और रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती की नक्सल समस्या का अंत हो। अब तो मोदी ने नक्सल समस्या को राष्ट्रीय समस्या होने से ही इंकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि भाजपा और नक्सलियों में गठबंधन है। इसलिए यह समस्या हल होने वाली नहीं है।