बिलासपुर—भू-राजस्व संशोधन विधेयक की वापसी से समाज की एकजुटता को जीत मिली है। अजीत जोगी ने कहा कि राजस्व संहिता संशोधन विधेयक को मंत्रीपरिषद की बैठक बुलाकर सरकार को वापस लेना पड़ा है। यह आदिवासी समाज की एकजुटता और लगातार विरोध के कारण संभव हुआ है।
अजीत जोगी कार्यालय से जारी प्रेस नोट में अजीत जोगी ने बताया कि संशोधन को डाॅ. रमन सिंह की सरकार विधानसभा में संख्याबल पर जबरिया पास करवाना…इशारा करता है कि सरकार प्रदेश से आदिवासीयो को अपदस्थ करना चाहती है । सरकार कानून बनाकर चहेते उद्योगपतियो को आदिवासियों को जमीन देकर बेदखल करना चाहती है। इसके साथ ही बस्तर में फर्जी नक्सल मुठभेड़ करवाकर अनेक आदिवासियों को मरवा भी रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि संशोधन विधेयक को विधानसभा में संख्याबल के आधार पर पास किया गया। विधेयक के खिलाफ आदिवासी समाज के लोगों ने जनता कांग्रेस के साथ निर्णायक विरोध किया। जिसके चलते सरकार को विधेयक को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
जोगी ने बताया कि भविष्य में यदि सरकार अपने अपदस्थ होने के अतिंम वर्ष में समाज के खिलाफ किसी भी प्रकार का कानून लायेगी तब भी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ निर्णायक लडाई लडेगी।