रायपुर।छत्तीसगढ़ के सभी दस हजार 971 ग्राम पंचायतों में 23 जनवरी 2018 से ग्रामसभा की बैठक का आयोजन किया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पत्र जारी कर राज्य के सभी कलेक्टरों को इस आशय के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज्य अधिनियम 1993 की धारा 6 के अनुसार प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक ग्रामसभा की बैठक करने का प्रावधान है। प्रतिवर्ष 23 जनवरी, 14 अपै्रल, 20 अगस्त एवं 02 अक्टूबर को अनिवार्य रूप से ग्राम सभा का आयोजन किए जाने का प्रावधान है। किसी ग्राम पंचायत में एक से अधिक ग्राम हो तो ऐसी स्थिति में अलग-अलग ग्रामों के लिए अलग-अलग तिथियों में ग्राम सभा आयोजित किए जाने का प्रावधान है।
पत्र में कहा गया है कि 23 जनवरी से आयोजित होने वाली ग्राम सभा की बैठक के लिए जनपद पंचायतवार प्रत्येक ग्राम पंचायतों एवं उनके आश्रिम ग्रामों में ग्राम सभा का आयोजन करने के लिए एक समय-सारिणी तैयार कर ली जाए, ताकि एक तिथि में किसी ग्राम पंचायत के एक ही ग्राम में ग्राम सभा का आयोजन हो सके। ग्राम सभा आयोजन के लिए स्थानीय आवश्यकता के अनुसार अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष जिम्मेदारी दिए जाने के निर्देश दिए हैं।
पत्र में ग्राम सभा की पूर्व बैठकों में पारित संकल्पों के क्रियान्वयन संबंधी पालन प्रतिवेदन का प्रस्तुतिकरण करने, पंचायतों के विगत तिमाही के आय-व्यय की समीक्षा, चालू वित्तीय वर्ष में विभिन्न योजनाओं से स्वीकृत कार्य के नाम प्राप्त राशि, व्यय राशि एवं कार्य की वर्तमान स्थिति का वाचन करने तथा ग्राम पंचायत के बजट अनुमान के प्रारूप पर विचार और अनुमोदन किए जाने को कहा गया।
पत्र में कहा गया है कि स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने के लिए घरों में निर्मित और निर्माणाधीन शौचालयों की प्रगति की समीक्षा, ग्राम पंचायत डेव्हलमेंट प्लान (हमर गांव हमर योजना) के निर्माण, मनरेगा के तहत ग्रामीण परिवारों द्वारा रोजगार की मांग तथा उपलब्ध कराए गए रोजगार की स्थिति की समीक्षा किया जाए।पत्र में यह भी कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं की शिक्षा गुणवत्ता, शिक्षकों के उपस्थिति, शिक्षकीय कार्य, शालाओं में शौचालय की साफ-सफाई व्यवस्था, पेयजल एवं निस्तार हेतु जल व्यवस्था, महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना, पोषण आहार वितरण, कुपोषण की स्थिति, टीकाकरण, अंधत्व निवारण, फैलेरिया, डेंगू बुखार से पीड़ितों और बच्चों की देख-रेख एवं संरक्षण संबंधित विषयों पर चर्चा की जाए।
साथ ही पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत शासकीय उचित मूल्य की दुकानों, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित अभिलेखों का सामाजिक अंकेक्षण कराया जाए। जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए पंचायतों द्वारा वितरित खाद्यान एवं उसके लाभान्वितों के नामों का वाचन किया जाए। श्रद्धांजलि योजना अंतर्गत लाभान्वित परिवार को दी गई सहायता अनुदान राशि का वाचन किया जाए। अभिवादित नामांतरण के प्राप्त प्रकरणों एवं उनके निराकरण उद्यतन स्थिति की जानकारी भी दी जाए। पत्र में कहा गया है कि श्रम विभाग द्वारा सर्वेक्षण के दौरान पाए गए बाल श्रमिक एवं बंधक श्रमिकों की सूची प्रस्तुत किए जाने पर उसका चिन्हांकन एवं पुष्टि ग्रामसभा से कराया जाए।