रायपुर।शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति और प्रमोशन के बाद अब पोस्टिंग के समय काउंसलिंग करना अनिवार्य होगा। 2016 में जारी एक आदेश के तहत काउंसलिंग को समाप्त कर दिया गया था। जिससे कई तरह की अनियमितताओं की शिकायत मिल रही थी। जिसे देखते हुए पंचायत विभाग ने अपना पुराना आदेश निरस्त कर दिया है। शिक्षा कर्मी मोर्चा संचालक वीरेंद्र दुबे ने इस आदेश पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उम्मीद जताई है कि आगे भी शिक्षा कर्मियों के हित मे सरकार निर्णय लेगी।जैसा कि मालूम है कि पंचायत विभाग ने 29 सितंबर 2016 को जारी अपने आदेश में शिक्षक पंचायत की नियुक्ति और प्रमोशन के बाद उनकी पदस्थापना के समय काउंसिलिंग की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी।
18 जनवरी को पंचायत विभाग के उपसचिव तारण प्रकाश सिन्हा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि विभाग को जानकारी मिली है कि शिक्षक पंचायत संवर्ग की नियुक्ति और पदोन्नति के बाद पदस्थापना में काउंसलिंग नहीं करने से कई प्रकार की अनियमितताएं हो रही हैं। इसे देखते हुए इस संबंध में शासन की ओर से पहले 29 सितंबर 2016 को जारी आदेश निरस्त किया जाता है। अब शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति और प्रमोशन में काउंसलिंग अनिवार्य रूप से की जाएगी।
शिक्षा कर्मी संगठन के मोर्चा संचालक और शालेय शिक्षा कर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि 18 जनवरी को पंचायत एवँ ग्रामीण विभाग से पदोन्नति एवं नियुक्ति में काउंसलिंग कर पदस्थापना कराने संबंधी आदेश जारी किए है । पिछले वर्ष पूरे प्रदेशः में पत्र जारी करके काउंसलिंग प्रक्रिया को समाप्त कर दिया गया था जिससे पदस्थापना में भ्रष्टाचार एवँ आर्थिक लेनदेन होने की संभावना बनी हुई थी।कॉउंसलिंग प्रक्रिया के प्रारंभ होने से पदस्थापना में पारदर्शिता आएगी।इसके लिए शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने पंचायत संचालक को धन्यवाद ज्ञापित किया।साथ ही कहा कि शिक्षको के पक्ष में लिए जा रहे सकारात्मक फैसले से संघ आशान्वित है कि शिक्षको के पक्ष में बड़े फैसले लिए जाएंगे।