क्षत्रिय महासभा की धमकी…सिनेमाघर मालिक सावधान…फिल्म लगी तो जिम्मेदारी भी उनकी

BHASKAR MISHRA
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IMG-20180122-WA0049बिलासपुर— सर्व अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने आज कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर पद्मावत फिल्म का विरोध किया। क्षत्रिय समाज ने जिला प्रशासन को लिखित में बताया कि बिलासपुर में किसी भी सूरत में फिल्म चलने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान जमकर नारेबाजी करते हुए क्षत्रिय नेताओं ने फिल्म निर्देशक संजय लीला बंसाली के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नेताओं ने कहा कि संजय लीला भंसाली ने हिन्दू धर्म पर चोट किया है। फिल्म में भारतीय नारी का अपमान किया है। इस प्रकार की फिल्म को चलने दिया नहीं दिया जाएगा।

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               सर्व अखिल भारतीय क्षत्रिय समाज के लोगों ने आज कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर पद्मावत फिल्म का विरोध किया। संजय लीला भंसाली को धर्म विरोधी कहा। इस दौरान क्षत्रिय नेताओं ने संजय लीला भंसाली के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

                                क्षत्रिय नेता नयन सिंह परिहार और रोशन सिंह ने कहा कि हर बार हिन्दू अराध्य और महान व्यक्तियों को फिल्मवाले निशाना बनाते हैं। बर्दास्त की भी हद होती है। इस बार तो महारानी हिन्दू और क्षत्रिय समाज की अराध्य महारानी पद्मावति को निशाना बनाया गया है। संजय लीला भंसाली ने भारतीय नारी का अपमान किया है। ऐसे में हम चुप नहीं बैठने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हो सकता है। लेकिन जनता का भी कुछ निर्णय है। उस निर्णय को देश देखेगा और बिलासपुर देखेगा। दोनों नेताओं ने कहा कि हम लोग माल और शहर के सभी टाकीज जाकर निवेदन करेंगे कि फिल्म ना दिखाएं। यदि नहीं मानेंगे…इसकी जिम्मेदारी मालिकों की है। रोसन सिंह ने कहा कि किसी को इतिहास विकृत करने का लायसेंस नहीं दिया गया है। ना ही भौंड़ा प्रदर्शन बर्दास्त किया जाएगा।

             सर्व क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष ने कहा कि हम लोग राज्यपाल के नाम कलेक्टर प्रशासन को ज्ञापन दिए हैं। पद्मावत फिल्म का प्रदर्शन किसी भी सूरत में बिलासपुर में नहीं करने दिया जाएगा। यदि माल मालिक और जिला प्रशासन ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया तो बाद में हमें दोष नहीं देंगे। इस दौरान क्षत्रिय समाज के नेता विक्रम सिंह भी मौजूद थे। उन्होने भी पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन और रिलीज करने का विरोध किया। भाजपा नेता विक्रम ने कहा कि फिल्म में केवल वीरांगना पद्मावति का ही नहीं बल्कि हिन्दू धर्म का अपमान हुआ है। राजपूत और हिन्दू धर्म की गरिमामयी इतिहास को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। जिससे हिन्दू समाज नाराज है। नाराजगी से बचने के लिए फिल्म का प्रदर्शन ना किया जाए।

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