बिलासपुर । कोटा- केंवची ( अचानकमार ) रोड बंद किए जाने के विरोध मेें लगाई गई याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। जिसमें सरकार और याचिकाकर्ता की ओर से अपने-अपने तर्क रखे गए ।यह याचिका लोरमी के पूर्व विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष धरमजीत सिंह की ओर से लगाई गई है। जिसमें अचानकमार रोड बंद किए जाने संबंधी जिला कलेक्टर के आदेश को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता धरमजीत सिंह ने बताया कि जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर अचानकमार से गुजरने वाली कोटा से केंवची रोड पर आवागमन पर पाबंदी लगा दी है। इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि कोटा – केंवची रोड पर पूर्व की तरह सुचारू रूप से आवागमन जारी रहना चाहिए।
क्योंकि आज की परिस्थिति में अपने ही घर जाने के लिए लोगों को अपना आइडेंटीफिकेशन देना पड़ता है। किसी को अपने रिश्तेदार से मिलने जाना है तो पास लेना पड़ता है। य़दि कोई बीमार पड़ जाए तो बाहर जाने की सुविधा नहीं है। वहां के बच्चों को पढ़ने के लिए जाना है तो साधन नहीं हैं।
धरमजीत सिंह ने कहा कि इस तरह के आदेश से भारत के स्वतंत्र नागरिक के नागरिक और मानवीय अधिकारों पर अत्याचार हो रहा है। इसे देखते हुए कोटा-केंवची रोड पर यातायात में लगया गया प्रतिबंध समाप्त किया जाना चाहिए।
कोटा-केंवची रोड पर आवागमन बंद करने के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
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