बिलासुपर—कोटा विधानसभा क्षेत्र के गोबरीपाट माडल स्कूल के छात्रों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से आवासीय सुविधा की मांग की है। छात्रों ने बताया कि आदर्श स्कूल होने के बाद भी गोबरीपाठ स्कूल में ना तो रहने की व्यवस्था है और ना ही भोजन की। जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गोबरीपाठ में सरकार ने आदर्श स्कूल को स्थापित किया है। यहां छात्रों को ना तो रूकने की व्यवस्था है और ना ही भोजन का प्रबंध ही है। छात्रों ने बताया कि 60 से 70 किलोमीटर यात्रा कर उन्हें भारी परेशानियों का सामना करते हुए स्कूल आना पड़ता है। छात्रों ने कलेक्टर से लिखित परेशानी पेश करते हुए कहा कि हम लोग गरीब और आदिवासी हैं। हमारे पास पैसे भी नहीं है। ऐसे में हम लोग ट्रेन और बस के जरिए बड़ी मुश्किल से स्कूल पहुंच पाते हैं।
छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार गोबरीपाट माडल स्कूल में रहने और खाने की निशुल्क व्यवस्था होनी चाहिए। इसके साथ वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्वास्थ्य सुविधा का भी प्रबंध जिला प्रशासन की महति जिम्मेदारी बनती है। छात्रों ने बताया कि शिक्षकों के द्वारा दुर्व्यवहार भी किया जाता है। जिससे बच्चे मानसिक रूप से काफी परेशान रहते हैं।
कलेक्टर से गुहार लगाते हुए आदिवासी छात्रों ने बताया कि पेन्ड्रा के करीब गांव से वे लोग पहले ट्रेन से कोटा आते हैं उसके बाद बस के जरिए गोबरी पाठ स्कूल पढ़ने के लिए पहुंचते हैं। ज्यादातर समय ऐसा भी होता है कि वे लोग साधन नहीं मिलने से स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। जाहिर सी बात है कि इससे उनकी पढ़ाई भी सीधा असर पड़ता है।
अभिभावकों और छात्रों ने बताया कि गोबरी माडल स्कूल में कई रूम खाली हैं। उनका रख रखाव भी ठीक से नहीं हो रहा है। हम लोगों को यदि सरकार उसी कमरे में खाने और रहने की व्यवस्था बना दे तो हमारी स्कूल की पढ़ाई भी ठीक से हो जाएगी। कलेक्टर ने अभिभावकों और छात्रों से जल्द ही समस्या निराकरण की बात कही है।