नईदिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार अपील और बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को साथ कराए जाने के जिक्र के बाद अब नीतीश कुमार ने भी इस विचार का समर्थन किया है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह इस मांग का लंबे समय से समर्थन करते रहे हैं।कुमार ने कहा, ‘मैं लंबे समय से इसका समर्थन करता रहा हूं। अगर एक साथ चुनाव कराया जाता है तो खर्च में कमी आएगी और चुनी हुई सरकारों को काम करने के लिए लंबा समय मिलेगा।’हालांकि उन्होंने कहा कि देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने के लिए सभी की सहमित जरूरी होगी।एक अन्य दल तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भी एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर सहमति दे दी है।
गौरतलब है कि संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा था कि एक साथ चुनाव को लेकर ज्यादा से ज्यादा बातचीत होनी चाहिए और राजनीतिक दलों के बीच एक समझौते के प्रयास किए जाने चाहिए।हालांकि कांग्रेस समेत विपक्षी दल देश में एक साथ संसदीय और विधानसभा के चुनाव कराए जाने के विचार का विरोध कर रहे हैं।एक साथ लोकसभा और चुनाव कराए जाने की स्थिति में जहां कई राज्यों के विधानसभा का चुनाव समय से पहले कराया जाएगा वहीं कई राज्यों के चुनाव को थोड़े समय के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव होने हैं। ऐसे में इन चुनावों को थोड़े समय के लिए आगे खिसकाना होगा।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग भी दोनों चुनाव को एक साथ कराए जाने का संकेत दे चुका है। आयोग कह चुका है कि वह 2018 के सितंबर के बाद चुनाव कराने के लिए तैयार है।हालांकि विपक्ष के विरोध को देखते हुए सरकार को इस मामले में सहमित बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संविधान का हवाला देते इस विचार का विरोध कर चुके हैं।उन्होंने कहा, ‘संसदीय राजनीति में मौजूदा संविधान के तहत आप एक साथ चुनाव नहीं करा सकते। आप बस नकली तौर पर साथ चुनावों का दिखावा भर कर सकते हैं- कुछ चुनाव पहले और कुछ बाद में करा कर। मगर तीस राज्यों में आप ये कैसे कर सकते हैं?’ For private viewing check out step-mom catches step-daughter masturbating