भूपेश बताएं पहले वाला सही…या फैसले के बाद वाला…जोगी कांग्रेस प्रवक्ता का बयान…झूठ बोलकर बचा रहे लाज

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जनता कांग्रेस प्रवक्ता मणिशंकर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाया है। मणिशंकर पाण्डेय ने बताया कि कल तक हाईपावर कमेटी की माला जपने वाले लोग हाइकोर्ट फैसले पर ना केवल उंगली उठा रहे हैं..बल्कि कमेटी को पानी पीकर कोसना शुरू कर दिया है। भूपेश बघेल को बताना होगा कि कल तक जिस हाईपावर कमेटी के कसीदे पढ़ रहे थे। फैसला आने के बाद कोसना क्यों शुरू कर दिया है।

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              जनता कांग्रेस उत्तरी क्षेत्र प्रदेश प्रवक्ता मणिशंकर ने पीसीसी चीफ और अन्य कांग्रेसियों पर निशाना साधा है। प्रेस नोट जारी कर पाण्डेय ने बताया कि कल तक भूपेश बघेल हाई पावर कमेटी को पाक साफ बता रहे थे। जोगी को गिऱफ्तार करने की मांग कर रहे थे। जब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया तो भूपेश बघेल ना केवल कमेटी पर उंगली उठा रहे हैं..बल्कि जोगी और रमन के बीच सांठगांठ का भी आरोप लगाना भी शुरू कर दिया है। भूपेश को बताना होगा कि पहले का बयान सही था या फिर फैसला आने के बाद वाला।

                  मणिशंकर केअनुसार कल तक कांग्रेस नेता जांच आयोग रीना बाबा कंगाले और हाईपावर कमेटी के कसीदे पढ़ रहे थे। रिपोर्ट के आधार पर जोगी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। मरवाही विधायक अमित जोगी के विधायकी शून्य घोषित करने की मांग करते नहीं थकते थे। अब कांग्रेसियों  के सुर बदल गए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर ऊंगली उठाना शुरू कर दिया है। जोगी और भाजपा के बीच साठगांठ का आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। प्रदेश की जनता कांग्रेस के दोगले बयानबाजी को समझ चुकी है।

                    न्यायालय के फैसले के बाद दोनों राष्ट्रीय पार्टियां चारो खाने चीत हो चुकी है। दोनों पार्टियों का दोहरा चरित्र भी सामने आ गया है। गाल बचाने वालों को मुफ्त में सलाह दे रहा हूं कि मुख्यमंत्री और महाधिवक्ता की साठ गांठ वाली  ब्यान  को अजीत जोगी की फाईल की गई पिटीशन को चश्मा लगा पढ सकते हैं। कांग्रेसी ब्यानबाजी करने से पहले अच्छी तरह से जानकारी लें। आधी अधूरी जानकारी के साथ ब्यानबाजी करना दोहरी मानसिकता और चरित्र को ऊजागर करता है। यह भी जान ले कि 2018 में विधानसभा चुनाव भी होने वाला है।

सफाई देने की जरूरत क्यों

                   जनता कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने सवाल किया है कि जोगी की जाति मामले में फैसला आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को सफाई देने की जरूरत क्यों पड़ गयी। प्रेस वार्ता में कांग्रेस अध्यक्ष ने झूठ बोलकर पार्टी की साख बचाने का प्रयास किया है। यदि पार्टी को खतरा नहीं है तो पीसीसी चीफ को हाईपावर कमेटी पर दिए गए पहले वाले बयान पर कायम रहना चाहिए। लेकिन जब हाइकोर्ट ने कहा कि कमेटी गठन में तकीनिकी खामियां है तो भूपेश जोगी और मुख्यमंत्री में सांठगांठ का सुर अलापने लगे।  उन्होने बयान दिया है कि कमेटी गठन के समय तकनिकी खामियों को जानबूझकर रखा गया। जबकि भूपेश के बातों में कोई दम नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को अच्छी तरह मालूम है कि जोगी के पक्ष में फैसला आने के बाद बडी संख्या मे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जनता कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले हैं। कार्यकर्ताओं का पलायन रोकने के लिए ही भूपेश ने पुराने बयान से यू टर्न लेकर तकनिकी खामियों के नाम पर जोगी और रमन सिंह पर सांठगांठ का आरोप लगाना शुरू कर दिया है।

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