विद्यार्थी परिषद ने किया आंदोलन का एलान..कहा..मांग पूरी नहीं होने तक करेंगे प्रदर्शन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी सन्नी केशरी और केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्र प्रमुख यशवर्धन मरार ने प्रबंधन पर तानाशाही और अव्यवस्था का आरोप लगाया है। पत्रकारों से रूबरू होकर एबीव्हीपी के प्रदेश महामंत्री सन्नी केशरी ने बताया कि छात्रावास में घटिया भोजन दिया जा रहा है। जब भी छात्र खराब खाने के खिलाफ आवाज उठाते हैं उन्हें डरा धमकाकर शांत कर दिया जाता है। खराब खाना कर छात्रावास के  एक लड़के की तबीयत खराब हो गयी। जिसे बाद में इलाज के लिए सिम्स में भर्ती कराया गया। अब बेकसूर छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जा रही है। अव्यवस्था और विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एबीव्हीपी छात्रों का सहयोग करेगा। जब तक मांग पूरी नहीं होती है।

                अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश महामंत्री सन्नी केशरी ने आज प्रेस कांफ्रेंस लेकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के खिलाफ तानाशाही का आरोप लगाया है। सन्नी केशरी ने बताया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय में विवेकानन्द छात्रावास के लड़के 19 फरवरी से खराब खाने को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। विद्यार्थी परिषद ने फैसला किया है कि छात्रों का साथ दिया जाएगा।

सन्नी केशरी ने बताया कि छात्रावास में सालों से घटिया खाना परोसा जा रहा है। खाना कुछ ऐसा कि स्वस्थ्य व्यक्ति भी खाकर बीमार हो जाए। 19 फरवरी के पहले छात्रों ने खाना की शिकायत छात्र कल्याण के डीन एस.एसन त्रिपाठी से की। खाना खाने को भी कहा। लेकिन खाना देखने के बाद डीन ने खाने से इंकार कर दिया। छात्रों ने यह भी बताया कि वार्डन और मुख्य छात्रावास अधीक्षक ने धमकी दी है कि खाना ऐसे ही मिलेगा। खाना हो खाओ शिकायत से कुछ नहीं होने वाला है।

सन्नी केशरी के अनुसार 19 जनवरी से तीन दिन पहले छात्रावास का एक छात्र शुभम कुमार ने वार्डन मुरली मनोहर से बाहर खाना खाने की अनुमति मांगी। शुभम तीन दिन से खाना नहीं खाया था। उस रात शुभम को उल्टी दस्त की शिकायत हुई। जिसके कारण छात्र नाराज हो गए। वार्डन की गाड़ी से तो़ड़ फोड़ की। विद्यार्थी परिषद तोड़ फोड़ की निंदा करता है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। वार्डन ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाने में शिकायत भी की है। लेकिन 12 दिन बाद छात्रावास के पांच छात्रों को विभागाध्यक्ष ने पत्र दिया। पत्र के अनुसार पांचो लोग तोड़फोड़ की घटना में शामिल थे। इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांचों को हास्टल से निकालने का पैसला लिया है। इसके अलावा सभी के खिलाफ तीन हजार रूपए का अर्थदण्ड भी लगाया है।

सन्नी केशरी ने बताया कि निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई का विद्यार्थी परिषद विरोध करता है। घटिया खाना के खिलाफ छात्रों के आंदोलन और धरना प्रदर्शन का समर्थन भी करता है। विश्वविद्यालय को निष्कासित छात्रों को वापस लेना होगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग पूरी होने तक अंदोलन करेगा।

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