गले मिलते रो पड़े हिन्दू-मुस्लिम…कहा धर्म में नफरत का स्थान नहीं….भावुक संत ने बोला…हमने देखा भरत का राम मिलाप

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

  बिलासपुर—बिलासपुर की धरती ने एक बार फिर समरसता और बन्धुत्व का परिचय दिया है। अंधविश्वास और रूढियों की बेड़ियों को तोड़कर मुस्लिम भाइयों  ने वह कर दिखाया जिसे लोग या तो किताबों में पढ़ते हैं या फिर सूफियों और संतों के मुंह से सुनते हैं। जी हां ऐसा कमाल या तो बिलासपुर के मुस्लिम भाई कर सकते हैंं। या फिर संत विजय कौशल महाराज और बिलासा केवटिन की धरती।

             
Join Whatsapp Groupयहाँ क्लिक करे

                      जी हां आज रामकथा में कुछ ऐसा ही दिखाई दिया। रामकथा सुनने वाले मुसलमान,प्रसाद बांटने वाले मुसलमान और हिन्दू भाइयों को कंधे से कंधा मिलाकर राम का संदेश देने वाले भी मुसलमान। लालबहादुर शास्त्री मैदान में रामकथा मर्मज्ञ संत विजय कौशल की मधुर वाणी से आज श्रद्धालुओं ने रामकथा के अलावा मुलमान भाइयों का प्रेम भी देखा। प्रेम भी कुछ ऐसा कि जब मुस्लिम भाई कथा के अंत में हिन्दू भाइयों से गले मिले तो दोनों की आंखों से आसुओं का सैलाब निकल पड़ा। दृष्य को जिसने भी देखा…उसने यही कहा कि भरत और राम का असली मिलाप आज देखने को मिला है। दृष्य को देखने वालों के आंसू भी नहीं रूक रहे थे।

          एल्डरमैन सैय्यद मकबूल अली के बताया कि महापुरूषों ने कभी नहीं कहा कि धर्म या जाति में वैमनस्यता का कोई स्थान है। इतिहास गवाह है कि संत और सूफियों ने हमेशा दिलों को जोड़ने का संदेश दिया है। किसी भी ग्रंथ में नहीं लिखा है कि कोई धर्म या जाति मानवता विरोधी है। राम ने तो मिसाल कायम किया है। यही कारण है कि आज भी रामराज्य को याद करते हैं। मकबूल ने यह भी कहा कि पैगम्बर साहब भी मानवता और अमन चैन के लिए अपने प्राणों का न्योछावर किया।

                   बिलासपुर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हनीफ खान ने बताया कि पड़ोस में हिन्दू भी हो सकता है और मुसलमान भी। दोनों के अपनी तहजीब होती है। लेकिन मानव धर्म दोनों के लिए एक ही होता है। क्योंकि हिन्दुओं के राम ने भी वही किया और मुसलमानों के पैगम्बर ने यही संदेश दिया। जो लोग भटके होते हैं उनका ना तो धर्म होता है और ना ही ईमान। देश और देशवासी सबसे पहले हैं।

किया प्रसाद का वितरण  

                    रामकथा के बाद मुसलमान भाइयों ने आगे बढ़कर पंडाल में बैठे 9 हजार से अधिक लोगों को प्रसाद बांटा। कम पड़ने पर दुबारा प्रसाद मंगाया गया। मुस्लिम भाइयों ने प्रसाद वितरण में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान मुस्लिम और हिन्दू भाइयों ने राम से और अल्लाह से एक दूसरे के की खैरियत के लिए आशीर्वाद मांगा। साथ प्रदेश और जिले अमन चैन के लिए हाथ बढ़ाया। प्रसाद वितरण और रामकथा के दौरान आधा सैकड़ा मुस्लिम भाई मौजूद थे। सीजी वाल टीम से बिलासपुर वक्फ बोर्ड  अध्यक्ष हनीफ खान, बिलासपुर नगर निगम एल्डरमैन मकबूल अहमद, सैय्यद हाजी रश्मि भाई,अकबर बख्शी,शेख निजामुद्दीन,युसुफ मेमन, वहीद मेमन,अरशद अली,साजिद एबानी,फारूख अहमद,शानुल खान,हाजी जुबेर,दानिश खान ने कहा कि कोई भी धर्म नफरत ने सिखाता । रामकथा भी इसमें से एक है।

ऐसा बिलासपुर में ही हो सकता है

                     हिन्दू मुस्लिम भाइयों को गले मिलते देख संत विजय कौशल महाराज की आंखें नम हुई। उन्हें बोलना पड़ा कि ऐसा दृष्य केवल बिलासपुर में ही देखने को मिल सकता है। आज कथा सार्थक हुआ। कथा के बाद भरत और राम का मिलाप देखने को मिला। महाराज ने कहा कि  अब मुझे धर्मग्रन्थों पर हमेशा विश्वास रहा। लेकिन धर्मग्रन्थों में कहे गए संदेश को आज फलीभूत होते देख रहा हूं। ऐसा कमाल केवल शबरी और कौशल्या की धरती पर ही हो सकता है। मैं छत्तीसगढ़ की माटी को माथे पर लगाता हूं. भगवान से प्रार्थना करता हूं कि ऐसा मंजर मुझे देश के कोने कोने में देखने को मिले।

                 .

close