कांग्रेस नेताओं ने कहा चुनावी बजट…रायपुर को बांंटा..बिलासपुर को फिट डांटा..शिक्षाकर्मी और किसान करेंगे फैसला

BHASKAR MISHRA
3 Min Read
 बिलासपुर— डॉ रमन सिंह के अंतिम बजट को कांग्रेस नेताओं ने विदाई बजट बताया है। बजट में एक बार फिर बिलासपुर को छला गया है। यद्यपि बजट चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है लेकिन भाजपा को इसका फायदा मिलने वाला नहीं है। शिक्षाकर्मियों के साथ अन्याय हुआ है। बजट में राहत नहीं मिलने से एक लाख अस्सी हजार शिक्षकों स्प्ष्ट संकेत दिया गया है कि शिक्षाकर्मी सरकार की जिम्मेदारियों में नहीं आते हैं।
                        कांग्रेस प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव ने बजट को लोकलुभावन और चुनावी बताया है। यह भी कहा कि चुनावी बजट का यह अर्थ बिलकुल नहीं है कि भाजपा सरकार बनाएगी। बल्कि जनता को ठगने वाला बजट है। जनता भी समझ रही है।  अटल ने कहा कि 78 हजार करोड़ से अधिक रूपयों वालेबजट में शिक्षा कर्मी,कृषक,बेरोजगार,महंगाई,पर कोई भी चर्चा  नही है। जिन वर्गों के लिए घोषणा की गयी है वह भी बढ़ती महंगाई में अपर्याप्त है । आंगन बाड़ी कार्यकर्ता,मितानिन,पंचायत,कोटवारों का मानदेय को और अधिक होना चाहिए था। इन्हें फिर से निराश किया गया है। नए रायपुर के लिये 431 करोड़ का प्रावधान है लेकिन बिलासपुर शहर विकास के लिए कानी कौड़ी भी नहीं दी गयी है।
               ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी को दुगुना करने की बात कर रही है। लेकिन किसान की आय कैसे गनी होगी । बजट में ऐसा कुछ नहीं बताया गया है। कृषि ग्रोथ आजादी के बाद सबसे निचले स्तर  1.9% है। सरकार ने धान की एमएसपी मूल्य ,बोनस की बात  को गंभीरता से नही लिया है। जबकि भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में बढ़चढ़कर लिखा गया है। बजट से किसान.,युवा और मध्यमवर्गीय लोगों को निराश किया है।
           शहर कांग्रेस अध्यक्ष नरेंद्र बोलर ने कहा कि 78 हजार करोड़ की बजट में 60 हजार करोड़ का लैपटॉप  बांटने की घोषणा समझ से परे है। लघु ,कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन का उल्लेख नही है । लोक लुभावना बजट है…जमीनी हकीकत से परे है। बजट में फौरी राहत की बात तो दूर सब पोस्ट डेटेड चेक की तरह है।
          सम्भागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने कहा कि बजट में जल, जमीन,जंगल ,खनिज संपदा सरंक्षण,संवर्धन । गरीब जनता को शुध्द जल,भोजन,मजदूरों को रोजगार गारंटी देने की बात नही हुई है । कुल मिलाकर बजट निराशाजनक है। भारी भरकम आंकड़े देकर आम जनता को मुगालते में डालने का बेहतर प्रयास किया गया है। लेकिन जनता मुगालते मेंं आने वाली नहीं है।शिक्षाकर्मी और किसानों ने बजट सुनने के बाद फैसला कर लिया है।
close