“ए” ग्रेड में शामिल हुआ जिला सहकारी बैंक

BHASKAR MISHRA
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SAHKARITA_GRADE_VISUAL 003बिलासपुर—लंबे समय तक घाटे में चल रहे और कामकाज को लेकर आलोचना सहने के बाद पिछले 5 सालों से लगातार बिलासुपर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मुनाफे में है..इस साल नावार्ड ने आडिट कर बैंक को ए ग्रेड का दर्जा दिया है बैंक को 8 करोड़ से ज्यादा मुनाफा मिला है..मालूम हो कि बैंक पहले के मुकाबले 5 गुना ज्यादा तकरीबन 500 करोड़ ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है। बैंक का अभी तक कुल डिपाजिट 800 करोड़ के करीब हो चुका है। इसके अलावा पहले 38 प्रतिशत के मुकाबले अब 60 फीसदी किसान सहकारी बैंक के माध्यम से क्रेडिट कार्ड बनवा रहे हैं। जो अपने आप में बड़ी उपलब्धी है।

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                     जानकारी के अनुसार इस साल शुद्ध मुनाफा को देखते हुए नाबार्ड ने जिला सहकारी बैंक को ए ग्रेड का दर्जा दिया है। पिछले कुछ समय से ऐसा सुनने में आया था बैंक कर्ज में चल रहा है। लेकिन आज नाबार्ड ने अपने आडिट रिपोर्ट में सबसे अच्छा कामकाजी बैंक मानते हुए बिलासपुर जिला सहकारी बैंक को ए ग्रेड का दर्जा दिया है।  जिला सहकारी बैंक के चेयरमेन देवेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि राजनांदगांव,दुर्ग समेत कई जिलों के बैकों का  आडिट नाबार्ड किया था। लेकिन बेहतर बैंकिग कार्य, कुल जमा रकम, वर्तमान स्थित, और प्रवसन आदि को ध्यान में रखकर किए गए आडिट में नाबार्ड ने ना केवल बेहतर बताया बल्कि बैंक को अपग्रेड करते हुए ए श्रेणी का दर्जा भी दिया। जिसका श्रेय बिलासपुर जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों को जाता है।

                       देवेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि नाबार्ड के अनुसार जिला सहकारी बैंक का नेटवर्क 71 करोडृ से ऊपर है। माइग्रेशन आडिट भी बैंक का अच्छा है। उन्होंने बताया कि बैंक से जुड़े किसानों का सौ प्रतिशत केवीसी कार्ड बनाने का हमें मुख्यमंत्री रमन सिंह से निर्देश दिया है। जल्द ही हम इस लक्ष्य को भी पूरा कर लेगें। पाण्डेय ने बताया कि यदि किसानों को बैंक से किसी प्रकार की शिकायत है तो वह सीधे हमसे मिलकर अपनी बातों को रख सकते हैं। पत्रकारों से चर्चा करते हुए चेयरमेन ने कहा कि हमने अनुपात से अधिक सत्तर प्रतिशत ऋण का भुगतान किया है। जो पहले  के अनुपात में तय किय गया था। बाद में हमने शासन के निर्देश पर साठ और चालिस के अनुपात में नगद और खाद का वितरण किया है।  बिचौलियों से बचाने के लिए हमने पहले किसानों को खाद दिया इसके बात अब चालिस प्रतिशत ऋण का भुगतान किया जा रहा है।

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