बिलासपुर—- चुनाव के बाद पहली बार नगर निगम की सामन्य सभा की बैठक काफी हंगामेदार रही। बैठक 28 प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान कहीं से भी यह नहीं लगा कि सत्ता पक्ष पेश प्रस्तावों पर कोई तैयार कर के आई है। कांग्रेस पूरे समय तक सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता नज़र आया। लेकिन बहुमत होने के कारण सभी प्रस्ताव पारित हो गये। बैठक में दूसरे, सत्रहवें बीसवें और चौराहा नामकरण को लेकर काफी गरमा गरम बहस देखने को मिली। कई बार हंगामे की नौबत आयी ।लेकिन सामंजस्य से सब कुछ ठीक ठाक कर लिया गया।
आज नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक काफी हंगामेंदार रही। खासतौर स्मार्ट सिंटी को लेकर गरमागरम बहस देखने को मिली। कांग्रेस पार्षद इस मुद्दें को काफी तैयारी कर के आए हुए थे। जबकि सत्ता पक्ष के पास इस मुद्दे को लेकर कोई तैयारी नज़र नहीं आयी। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस पार्षद दल के नेता शैलेन्द्र जायसवाल,शहजादी कुरैशी और पार्षद तैयब हुसैन ने स्मार्ट सिटी पर अपने सुझाव देते हुए कहा कि हमें इस प्रतिस्पर्धा का सामना ही नहीं करना पड़ता यदि भाजपा और निकाय मंत्री पहले से ही सजग रहते ।
शैलेन्द्र जायसवाल ने सदन को बताया कि केन्द्र सरकार ने जितनी भी शर्ते स्मार्ट सिटी के लिए रखी है उसके अनुसार बिलासपुर कभी स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता है। बावजूद इसके हम चाहते हैं बिलासपुर को स्मार्ट सिटी बनाया जाए। जायसवाल ने महापौर और सभापति को बताया कि जब हमारे शहर में विश्वविद्यालय हवाई पट्टी डेन्टल कालेज कानन उद्यान,हाईकोर्ट,एसईसीएल,एनटीपीसी समेत कोई भी बड़े संस्थान नहीं है। ऐसे में शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा कैसे मिल सकता है। हमें शर्तों के अनुसार 100 अंक कहां से मिलेंगे। यदि पहले प्रस्तावित 29 गांवों को निगम में मिला लिया जाता तो हम आज स्मार्ट सिटी की दौड़ में अव्वल होते। उन्होंने चर्चा के दौरान बताया कि सेमिनार, गोष्टी जैसे आयोजनों की जरूरत नहीं होती। दरअसल बिलासपुर की जनता को मूर्ख बनाने का काम किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन ने बताया कि सिवरेज को कितने अंक मिलेंगे,जिसका काम अभी तक अधूरा है। इसके दम पर स्मार्ट सिटी यदि महापौर बनाना चाहते हैं तो उम्मीद छोड़ दें। इस दौरान शैलेन्द्र जायसवाल ने स्मार्ट सिटी का दर्जा हासिल करने के लिए चार बिन्दु वाला सुझाव भी दिया।
हम खुली चर्चा के पक्ष में हैंः महापौर
महापौर किशोर राय ने बताया कि कांग्रेस के पास नगर के विकास के कोई मास्टर प्लान नहीं है। वे सिर्फ अडंगेबाजी की नीति पर चल रहे हैं। हम यदि स्मार्ट सिटी को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं तो उन्हें सहयोग करने का नैतिक दायित्व बनता है। लेकिन कांग्रेस के पास चिल्लाने और सदन के समय को बरबाद करने के अलावा कुछ काम नहीं है।महापौर ने कहा कि सामान्यसभा में शहर के मुद्दों पर खुली बहस हो। सभी की राय सही ढंग से सामने आए- हम इसके लिए प्रयासरत हैं और आज की आमसभा में इसका उदाहरण भी पेश हुआ। भले ही निगम में भाजपा का बहुमत है। लेकिन कांग्रेस के मित्रों की राय का भी महत्व है और उसे पर्याप्त सम्मान दिया जा रहा है।हम सदन में चर्चा करना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस के साथियों ने सदन में शाति से चर्चा करने की बजाय अनावश्यक हंगामे की स्थिति निर्मित करने की कोशिश की।
सामान्य सभा की बैठक के पहले भाजपा के पांच एल्डरमेन महेश चंद्रिकापुरे,मनीष शुक्ला, अमरजीत सिंह दुआ,प्रवीर सेन,मकबूल खान ने शपथ लिया। इस दौरान मनीष अग्रवाल शपथ नहीं ले पाए ।