महानदी ट्रिब्यूलनल को हरी झण्डी…छत्तीसगढ़ को मिली हार…सीएम पर जनता कांग्रेस नेताओं ने साधा निशाना

BHASKAR MISHRA
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 रायपुर— महादनदी जल बंटवारे को लेकर ओडिशा सरकार के ट्रिब्यूनल गठन के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार से हरी झण्डी मिलने के बाद जनता कांग्रेस नेताओंं ने विरोध किया है। जनता कांग्रेस नेताओं ने बयान जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव स्वीकार कर जाहिर कर दिया है कि छत्तीसगढ़ का महानदी पर स्वाभाविक अधिकार के बाद भी उड़ीसा को अपेक्षाकृत अधिक महत्त्व दिया गया है।
                 जनता कांग्रेस प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि महानदी ट्रिब्यूनल का गठन का फैसला  छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों और राज्यहित के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है। महानदी के कैचमेंट एरिया का 86 प्रतिशत छत्तीसगढ़ में है। लेकिन छत्तीसगढ़ महानदी का मात्र 3.5 प्रतिशत पानी का उपयोग कर पाता है। जबकि  ओडिशा 14 प्रतिशत पानी का उपयोग करता है। बाकी 82 प्रतिशत पानी समुद्र में बह जाता है।
                              जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि विधान सभा चुनाव ” नदी ,नारी, नौकरी को केन्द्र में रखकर लड़ा जाएगा। महानदी और उसकी सहायक नदियों का निरीक्षण करने ओडिशा के दल को मरवाही विधायक अमित जोगी ने रायगढ़ से लेकर छत्तीसगढ़ सीमा तक विरोध किया। ओडिशा के दल को राज्य सरकार ने राज्य अतिथि का दर्जा दिया था  । जबकि महानदी को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले लोगोंं को जेल भेजा गया।
                 सुब्रत डे ने कहा कि छत्तीसगढ़ का महानदी पर स्वाभाविक अधिकार के बाद भी ओडिशा सरकार जल प्राधिकरण का गठन करने की सहमति के पीछे राजनीतिक चाल है।नवीन पटनायक के विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के एलान से परेशान भाजपा सरकार ने खुश करने के लिए प्राधिकरण गठन को हरी झण्डी दिखाकर छत्तीसगढ़ के हितों और अधिकारों के साथ अन्याय किया है।
                                        जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रवक्ता के अनुसार केन्द्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद ओडिशा सरकार जल प्राधिकरण का गठन को हरी झण्डी डॉ रमन सिंह की बड़ी हार है। इसलिए मुख्यंमंत्री को पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
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