नईदिल्ली।नीरव मोदी के स्वामित्व वाली कंपनी फायरस्टार डायमंड से लेनदारों के ऋण वसूली पर अमेरिका की एक अदालत ने अंतरिम रोक लगा दी है। कंपनी ने इसी सप्ताह में दिवालिया घोषित होने से जुड़ी प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था।नीरव मोदी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिये 12,000 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की जांच चल रही है। जिसका अधिकतर स्टेक फायरस्टार डायमंड और उससे संबंधित कंपनियों में लगी हैं।फायरस्टार डायमंड ने सोमवार को न्यूयॉर्क के साउदर्न दिवाला अदालत में चैप्टर 11 याचिका दायर की थी।दिवाला अदालत ने दो पन्नों के अपने आदेश में कहा कि दिवाला प्रक्रिया के साथ ही संग्रह से जुड़ी अधिकतर गतिविधियों पर स्वत: रोक लग गई है।फायरस्टार डायमंड ने अमेरिका में दिवालिया कानून के तहत संरक्षण का दावा किया है। साथ ही कंपनी ने कोर्ट में उसके ऋणदाताओं के नाम विस्तृतपूर्वक बताए हैं।
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक उसका परिचालन अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया और भारत समेत कई देशों में फैला हुआ है। उसने अपनी मौजूदा स्थिति के लिए नकदी और सप्लाई चेन को जिम्मेदार बताया है।कोर्ट में दाखिल किए गए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति और कर्ज का जिक्र किया है। भारत से फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और उनसे जुड़े फर्मों पर पीएनबी से 12,700 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप हैं।पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले महीने 14 फरवरी को इस घोटाले के बारे में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जानकारी दी थी।