देखे Video:पांव-पांव नर्मदा किनारे चल रहे दिग्गी ‘राजा’ को ‘फकीरी’ में मिल रहा सुकून..

Chief Editor
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रूद्र अवस्थी।‘कोई भी राजनैतिक व्यक्ति अगर पाँच-छः महीने से राजनीति से दूर रहे तो, स्वाभाविक है कि वो दिमाग के कीड़े काटने लगते हैं…..। लेकिन अभी तक मुझे अच्छा लग रहा है और सोचने – समझने का मौका मिल रहा है…’’।इस तरह की बात अगर दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कहते हैं तो लगता है कि सियासत की दुनिया से दूर भी जिंदगी में शुकून हासिल करने के लिए बहुत कुछ है….। इसे  राजनीति में हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले राजनीतिज्ञ के अँदर आध्यात्मिक यात्रा की वजह से  आ रहे बदलाव के रूप में भी देखा जा सकता है..। दिग्विजय सिंह को इस यात्रा में नर्मदा को पाँव-पाँव नापते हुए  वास्तविक में क्या मिल रहा है और वे अपने  भीतर क्या कुछ बदलाव महसूस कर रहे हैं, यह तो आने वाले समय में ही पता लग सकेगा….। लेकिन नर्मदा परिक्रमा यात्रा के दौरान जब उनसे मुलाकात और बातचीत का मौका मिला तो यह फर्क जरूर महसूस हुआ  कि कांग्रेस की राजनीति में  “राजा” के नाम से मशहूर दिग्गी को फकीरी में बड़ा सुकून मिल रहा है और उनका दिमाग सियासी कीड़ों की पहुंच से दूर है..।

नर्मदा परिक्रमा यात्रा पर निकले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव दिग्विजय सिंह से मुलाकात हुई, जब वे मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ की सरहद पर अनुपपुर जिले के एक गाँव के पास पहुंचे थे। पहाडों – जंगलों से घिरा हुआ इलाका……। भरी दोपहरी का वक्त….. वासंती बयार के बीच खुशनुमा माहौल…. बौर से लदे एक आम के पेड़ के नीचे घनी छाँव में उनका पड़ाव था…..।  कुछ पल को सुस्ताने के लिए रुके तो सभी उनके साथ जमीन पर बैठ गए….। दिग्गी राजा हाथ में फूटे चने लेकर चबाने लगे… और आगे की यात्रा को लेकर अपने साथ चलने वालों से बात करने लगे…..।उनके साथ यात्रा पर चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर नीखरा, दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता ,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव भी बराबरी पर बैठे हैं।यात्रा से जु़ड़ी बहुत सी बातें हो रही हैं…सीजीवालडॉटकॉम।बातचीत के दौरान बिलासपुर में हुए कांग्रेस के एक सम्मेलन की पुरानी यादें ताजा हुईं …. और दिग्विजय सिंह अपने चिर-परिचित अँदाज में खिलखिलाकर हंस दिए… । फिर सभी ने ठहाका लगाया ….। इस बीच दिग्विजय सिंह बोले कि – आप सभी को एक सख्शियत से मिलवाते हैं…..। नाम पुकारते ही “लाली” नाम का व्यक्ति सभी के बीच आकर बैठ गया….। निहायत ही सामान्य से दिखने वाले  गाँव –देहात के इस शख्स को सामने बैठाकर दिग्विजय सिंह उससे बतियाने लगे और आगे के सफर के रास्ते के बारे में पूछने – समझने लगे…..। उसके साथ अमरकंटक से डिंडौरी के रास्ते के बारे में बात हुई….। वहां मौजूद हर किसी नें महसूस किया कि जिस शख्स( दिग्विजय सिंह ) से राजनीति की दुनिया के लोग रास्ता पूछते हैं …. जिसने पता नहीं कितने लोगों को रास्ता दिखाया है, आज इस आध्यात्मिक यात्रा में  उसके लिए एक सामान्य से दिखने वाले व्यक्ति  की कितनी अहमियत है। जिसके बताए रास्ते पर आज राजा का कारवाँ आगे बढ़ रहा है….।

CGWALL.COM से बात करते हुए उन्होने कहा कि नर्मदा परिक्रमा यात्रा में हर व्यक्ति का अपना अलग अनुभाव होता है, जिसे कोई भी खुद यात्रा करके ही समझ सकता है..। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि वे नर्मदा किनारे पेड़ गिनने या सफाई देखने के लिए नहीं निकले हैं। बल्कि पुरानी परंपरा के महत्व को ध्यान में ऱखकर यात्रा कर रहे हैं। उन्होने बताया कि करीब 20 साल पहले जब वे मंडला सर्किट हाउस में रुके थे , तब उन्हे सपने में महसूस हुआ था कि कोई उन्हे नर्मदा परिक्रमा यात्रा के लिए कह रहा है। तभी से संकल्प था और इसे ही पूरा करने निकले हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि- “ अच्छा लग रहा है, कोई भी राजनैतिक अगर वो पाँच-छः महीने से राजनीति से दूर रहे, तो स्वाभाविक है कि वो दिमाग के कीड़े काटने लगते हैं। लेकिन अभी तक मुझे अच्छा लग रहा है… और सोचने – समझने का मौका मिल रहा है…।“ उन्होने यह भी साफ किया कि इस यात्रा के दौरान उन्होने तय किया है कि कोई भी राजनैतिक बयान- भाषण नहीं देंगे।

शुक्रवार को दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ ब्लॉक में खाटी गाँव से निकली और मोहदी- हर्रई होते हुए मिरिया ,दमगढ़ के रास्ते आगे बढ़ी। इस दौरान मोहदी में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष – भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव सहित बिलासपुर से प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव, राजेन्द्र शुक्ल,विजय केशरवानी,नरेन्द्र बोलर,राजेश पाण्डेय, अभय नारायण राय,महेश दुबे,शैलेष पाण्डेय, अरुण तिवारी,देवेन्द्र सिंह बाटू,राजू यादव, प्रमोद नायक,महेन्द्र गंगोत्री,राजेश, माया रानी सिंह,पेण्ड्रा के अशोक शर्मा,मुंगेली के अनिल सोनी,आनंद पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया।नदी,नाले, पहाड़ और जंगलों के किनारे होते हुए उनकी यात्रा आगे बढ़ रही है और अब वे मंडला -डिंडौरी के रास्ते पर हैं….।

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