कांग्रेस नेता का बेजा कब्जा में बना आलीशान मकान प्रशासन ने ढहाया

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर- शुक्रवार को दयालबंद में कांग्रेस नेता किशोर घोरे द्वारा सार्वजनिक जमीन पर बनाये गये चार मंजिला मकान को प्रशासन के द्वारा ढहा दिया गया । सार्वजनिक जमीन पर बनाये गये इस मकान से लोगों की परेशानी हो रही थी । लिहाजा प्रशासन ने बीते दिनों इस मकान को हटाने का आदेश जारी किया था ।लेकिन मकान मालिक द्वारा इसका पालन न  किये जाने पर शुक्रवार को प्रशासन ने सख्ती के साथ कार्यवाही करते हुए इस चार मंजिला मकान को ढहा दिया । इस कार्यवाही के दौरान किशोर घोरे और उसके परिजनों के द्वारा अप्रिय माहौल बनाने की कोशिश की गई । वहीं कार्यवाही के लिये गये तहसीलदार के साथ भी धक्कामुक्की की जाने लगी । इसे देखते हुए प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिये लाठीचार्ज करने के साथ ही कांग्रेस नेता का मकान बलपूर्वक ढहा दिया ।पूरे शहर में इस कार्यवाही की विशेष चर्चा है ।

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दयालबंद स्थित एक अवैध मकान को तोड़ने प्रशासनिक अमला दल बल के साथ मौंके पर पहुंचा। किशोर घोरे और उसके परिवार ने नायब तहसीलदार नरेन्द्र बंजारा से मकान ना तोड़ने को लेकर विवाद शुरू कर दिया। इस बीच कांग्रेसी नेता ने नायब तहसीलदार को धमकी देते हुए कहा कि जब मामला कोर्ट में है तो प्रशासन किस आधार पर कार्रवाई कर रहा है। उत्तेजित नेता ने नायब तहसीलदार को देख लेने की धमकी दी। इसी दौरान कांग्रेसी नेता और कुछ लोगों के बीच मारपीट और झूमाझटकी भी हुई।

                       पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाठी भांजनी पड़ी। कांग्रेसी नेता किशोर घोरे समेत उनके परिवार के कुछ सद्स्यों को हिरासत में कोतवाली थाना भेज दिया गया। कार्रवाई के दौरान दयालबंद क्षेत्र में तनाव का माहौल बना रहा। पुलिस एक तरफ लोगों को हटा रही थी। वहीं दूसरी तरफ घोरे के परिवार को शांति व्यवस्था बनाए रखने हिरासत में लिया। इस बीच मकान ज्यों ज्यों टूटता गया। माहौल धीरे धीरे गरमाता गया। अतिक्रमण तोड़ने से रोकने के लिए घोरे परिवार की महिलाओं ने पुरजोर विरोध किया। लेकिन पुलिस और प्रशासन के आगे किसी की नहीं चली।

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                           दयालबंद में हुई इस कार्रवाई का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि आज जहां तीन मंजिला इमारत हैं वहां  पिछले कई सालों से गणेश प्रतिमा बैठाई जाती थी। जिसे देखते हुए निगम प्रशासन ने दान की जमीन पर गणेश मंदिर बनाने का आदेश दिया था। पर कांग्रेसी नेता ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए जबरदस्ती खाली जमीन पर कब्जा कर तीन मंजिला मकान बना लिया।

                                              मकान बनवाते समय कांग्रेसी नेता ने आसपास के नालियों को भी बंद कर दिया। जिससे घरों का पानी निकलता था। नालियां जाम होने से गंदे पानी का भराव घरों में होने से प्रभावित लोगों ने इसकी शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट से की थी।

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                       अधिवक्ता आशीष घोरे को पैरवी में सिटी मजिस्ट्रेट ने 22 जून 2015 को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। जिस पर आज कार्रवाई करते हुए प्रशासनिक अमले ने दल बल के साथ तीन मंजिला इमारत को जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू की है। खबर लिखे जाने तक आधा मकान गिराया जा चुका था।

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