नईदिल्ली।नया रायपुर 21 वीं सदी के भारत का पहला सुव्यवस्थित और योजनाबध्द बसाहट वाला ईकोफ्रेंडली शहर हैं। नया रायपुर का विकास ’’ट्रांजिट ओरिएंटेड डेव्हलपमेंट’’ (पारगमन उन्मुख विकास) के दृष्टिकोण का क्रियान्वयप्न कर इसे आम लोगो के स्मार्ट जीवन के अनुकुल तैयार किया गया हैं। छत्तीसगढ़ में नया रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित ’’इनोवेशन समिट-2018’’ में प्रमुख वक्ता की आसंदी से इस आशय के विचार व्यक्त किए।प्रमुख सचिव ने कहा कि नया रायपुर में नागरिको के लिए बहु-मॉडल परिवहन सुविधा तैयार की गई हैं। यहा सार्वजनिक परिवहन केन्द्र का विकास किया जा रहा हैं। नया रायपुर में आम लोगो के परिवहन के लिए सुविधाजनक पहुच उपलब्घ कराई जा रही हैं। उन्होने कहा कि ’’ट्रांजिट ओरिएंटेड डिवेलपमेंट’’ के माध्यम से हम नागरिको को बेहतरढंग से सेवाए मुहैया करा कर शहरो में बुनयादि मांग की पूर्ति कर सकते हैं। कमजोर लोगो के लिए आवास, ईकोफ्रेन्डली शहर और तेजी से बसते लोगो व युवाओ के लिए रोजगार के बेहतर अवसर नया रायपुर में तैयार किए जा रहे हैं। नया रायपुर, रायपुर शहर से महज 20 किलोमिटर की दूरी पर हैं।
श्री सिंह ने कहा कि, नया रायपुर शहर का विकास दूरगामी सोच, कुशल राजनैतिक नेतृत्व, प्रशासनिक प्रतिबध्दता व आधुनिकतम तकनीको का प्रयोग कर किया गया हैं। श्री सिंह ने बताया कि नया रायपुर को स्मार्ट शहर बनाने के लिए हमने अपनी शक्तियों, कमजोरियों , छुपे अवसरो और आने वाले खतरो को पहचान कर सुनियोजित कार्ययोजना तैयार कि ओर इस पर तेजी से काम किया। श्री सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की दूरगामी सोच व कुशल निर्देशन में भारत के पहले स्मार्ट सिटी की परिकल्पना तैयार की गई और इसे आज जमीनी स्तर पर देखा जा सकता हैं।
प्रमुख सचिव ने कार्यक्रम में भारत के पहले स्मार्ट सिटी नया रायपुर के विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि, नया रायपुर का निर्माण लगभग 8 हजार हेक्टेयर के रकबे मे गया हैं। यहां विश्व की आधुनिकतम सुविधाये उपलब्ध कराई गयी हैं। इस शहर के विकास में सबसे पहले चौडी सडको का जाल बिछाया गया। फोरलाईन व सिक्स लाईन सड़के तैयार की गई। अंडरग्राउंड पानी, बिजली, सिवरेज की व्यवस्था की गई हैं। विश्वस्तरीय शिक्षा व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई। ट्रिपल आईटी व आईआईएम संस्थान खोले गए। इसे हवाई, रेल ,और सडक मार्ग से जोडा गया हैं। यहा 27 फीसदी जमीन आवासीय, इतनी ही जमीन ग्रीन बेल्ट के लिए, 23 फीसदी जमीन पब्लिक सेक्टर और करीब 11.5 फीसदी जमीन व्यावसायिक व औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बाटी गई हैं। गरीब हो या अमीर सबके लिए यहां घर मौजूद हैं। पर्यटन व मनोरंजन के लिये भी स्मार्ट सुविधाए उपलब्ध कराई गयी। देश का सबसे बडा मानव निर्मित जंगल सफारी नया रायपुर में हैं। यहां देश का दूसरा सबसे बडा अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हैं। खेलने के लिए पार्क व जल संग्रहण के लिए छोटे-छोटे तालाबो का भी निर्माण किया गया हैं। उन्होने बताया कि स्मार्ट गर्वनेंस का भी विकास इस दिशा में तेजी से किया गया। आम लोगो को सभी आधारभूत जरूरी सुविधाए ऑनलाईन सुलभ हैं। नया रायपुर में केेन्दी्रकृत सुरक्षा व्यवस्था विकसित की गई हैं। सेन्ट्रेलाईज कमाण्ड एंड मानिटरिंग सिस्टम भी विकसित किया गया हैं।
नया रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष ने डिजिटल इंडिया पर विस्तार से अपने विचार रखते हुए कहा कि, डिजिटल स्पेस में भारी बदलाव आया हैं। उन्होने कहा कि, हमें डिजिटल वर्ल्ड व फिजिकल वर्ल्ड में संतुलन बनाना होगा क्योकि फिजिकल स्पेस अभी भी स्थिर व सीमित है। उन्होने बताया कि भारत में एक थर्मल पॉवर प्लांट को बनाने के लिए अभी भी 4-5 साल लगते हैं। यह अभी भी 200 मीटर घन पानी की खपत करता हैं। इतना पानी थर्मल पॉवर प्लांट को बनाने में लगता हैं जिससे हम सैकडो एकड खेतो में सिंचाई के लिए पानी दे सकते हैं। तथा इससे बहुत अधिक प्रदूषण का उत्सर्जन भी होता हैं। डिजिटलीकरण के द्वारा हमें इसे बदलना होगा। प्रदूषणरहित कम बिजली का प्रयोग कर किस प्रकार जल्दी संयंत्र तैयार कर सकते हैं ऐसा ढांचा विकसित करना हैं।