आर्थिक तंगी में भी तलवार की चमक बरकरार

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

R_CT_RPR_545_25_GUHAAR_VIS_VISHAL_DNGबिलासपुर—- छत्तीसगढ़ सरकार भले ही गरीब खिलाड़ियों के प्रोत्साहन और सहायता के लिए बड़ी-बड़ी बातें क्यों ना करती हो लेकिन जब बात प्रशासनिक पहल की होती है तो सारी बातें झूठी साबित होती है।..ताजा मामला बिलासपुर के रांक गांव का है जहां की एक होनहार विकलांग तलवारबाज मालती पनौरे इन दिनों सिर्फ आर्थिक तंगी के कारण अपनी प्रतिभा को देश विदेश में दिखाने से वंचित हो रही है। आलम यह है कि मालती पनौरे कई बार बिलासपुर कलेक्टर से आर्थिक सहायता की गुहार लगा चुकी है लेकिन बदले में मालती को अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

               इस बार जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि वह हर हालत में हंगरी जाएगी। कलेक्टर के आश्वासन के बाद मालती को भी ऐसा ही लग रहा है। लेकिन वह पिछली कहानियों को याद कर डर जाती है। क्योंकि इसी आश्वासन ने उसे कनाडा और हांगकांग जाने से रोका था। मालती हंगरी में आयोजित होनेवाली इंटरनेशनल व्हिलचेयर तलवारबाजी प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई हो चुकी है। उसके पास दो लाख 2 लाख 12 हजार रुपये नहीं है। आर्थिक तंगी की शिकार मालती के पास जमीन जायजाद या इतने पैसे नहीं है कि वह हंगरी जाकर देश के लिए कुछ कर सके। जाहिर सी बात है कि उसे मदद की जरूरत है।

                 मालती ने जबसे क्वालिफाई किया है वह पैसे को लेकर जगह- जगह गुहार लगा रही है। पैसे के अभाव ने मालती को इस हद तक डरा दिया है कि वह सोते जागते हमेशा पैसे को लेकर चिंतित रहती है। सामान्य जीवन भी नहीं जी पा रही है। उसे डर सताने लगा है कि कहीं वो इस बड़ी प्रतियोगिता से चूक ना जाए। वह अब तक जहां भी उम्मीद लेकर गई उसे निराशा का ही सामना करना पड़ा है।

                    विश्व को अपना हुनर दिखाने से वंचित ना रह जाए बावजूद इसके उसे उम्मीद है कि वह हंगरी पहुंचेगी और पदक भी लेकर आएगी। मालूम हो कि मालती राष्ट्रीय स्तर के व्हिलचेयर तलवारबाजी प्रतियोगिताओं में अब तक कुल 4 बार गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुकी है। इससे पहले भी वह हांगकांग और कनाडा में आयोजित इंटरनेशनल व्हिलचेयर तलवारबाजी प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई हो चुकी है। आर्थिक तंगी के कारण पिछले दो बार से मालती इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लेने से वंचित हो गयी थी। इस बार ऐसा ना हो वह मंत्री से लेकर संत्री के दरवाजे पहुंचकर रूपओं के लिए मिन्नत कर रही है। हालांकि बिलासपुर कलेक्टर ने आज जरूर मालती को आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। मालती को विश्वास है कि उसे जिला सरकार से जरूर सहयोग मिलेगा। यदि ऐसा हुआ तो वह जिले के लिए हर हाल में हंगरी से पदक लेकर लौटेगी।

Share This Article
close