बिलासपुर–एक बार फिर लोकसुराज अभियान समाधान शिविर में जनप्रतिनिधियों के बीच हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। नारियल टूटते ही मंच पर गुस्सा फूट गया। महौल इतना गर्मा गया कि प्रसाद का आनंद तीसरे ने लिया। बिल्हा ब्लाक के किरना लोसुराज समाधान शिविर में राजनीति का अदभुत नजारा देखने को मिला। मंच का नजारा देखने के बाद लोगों को विश्वास हो गया कि जब दो महाबली लड़ते हैं तो फायदा तीसरे को ही मिलता है। दर्शकों को बोनस आनंद में हासिल होता है।माजरा कुछ इस तरह है…बिल्हा ब्लाक के किरना गांव में सुराज समाधान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बिल्हा विधायक सियाराम कौशिक और कांग्रेस नेता राजेन्द्र शुक्ला अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। अधिकारियों ने दोनो को पंडाल में बैठया।
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राजेन्द्र और उनके समर्थकों ने कहा कि सियाराम कौशिक स्थानीय विधायक हैं इसलिए कार्क्रम का नारियल भी उन्हें ही फोड़ना चाहिए। काफी दबाव के बाद अधिकारियों ने सियाराम को नारियल फोड़ने बुलाया। जबकि हर बार बिल्हा विधानसभा में आयोजित समाधान शिविर में नारियल फोड़ने का काम पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ही थे कर रहे थे। धरम लाल सभी शिविरों में पुहंचकर नारियल फोडते । लेकिन किरना में सियाराम ने कोई मौका छीन लिया।
रश्म अदायगी के बाद सियाराम ने अपने भाषण में राज्य सरकार और उसकी योजना की जमकर लानत मलानत की। राशन ,उज्जवल,मनरेगा,समेत राज्य की सभी योजनाओं की धज्जियां उडाई । भाषण के दौरान सियाराम ने सरकार को दोगला भी कह दिया। इसी दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक भी अपने समर्थकों के साथ शिविर पहुंच गए । मंच पर पहुंचने के बाद धरमलाल ने कहा कि इन्हें कौन बुलाया है। नारियल फोड़ने या कार्यक्रम में शामिल होने का इन्हें अधिकार नहीं है।
इतने सुनते ही सियाराम कौशिक मंच पर चढ़ गए।दोनो नेता एक दूसरे को उंगली दिखाकर बातचीत करने लगे। मामला तु-तू-मै-मै से तुम तड़ांग तक पहुंच गया। देखते ही देखते ही देखते मंच युद्द का मैदान बन गया। दोनों तरफ से डायलाग बाजी शुरू हो गयी। धरम लाल ने सियाराम का क्वालिफिकेशन पूछा। सियाराम ने भी उंगली दिखाते हुए कहा कि हारे हुए विधायक को मंच पर किसने बैठाया । इसके बाद दोनों नेता गरजते हुए एक दूसरे के पास आने लगे।
गन मैन ने किया बचाव
दोनों नेताओं को आक्रोश में एक दूसरे के पास आते देख दोनों तरफ के गनमैनों ने बीच बचाव किया। इस दौरान दोनों नेता एक दूसरे को देख लेने की धकमी देते रहे। एक नेता क्वालिफिकेशन पूछता रहा तो दुूसरा हारे हुए विधायक को मंच पर किसने बैठाया पुूछता रहा। इस दौरान दर्शकों ने जमकर तालियां बजायीऔर नारे भी लगाए। लेकिन सियाराम और धरमलाल नारियल फोड़ने के विवाद में उलझे रहे । जहां सियाराम अन्दर बाहर देखने की धमकी दे रहे थे तो वहीं धर्मलाल सियाराम से पूछते रहे कि बताओं किस पार्टी के हो।
राजेन्द्र के समर्थन में नारेबाजी
किरना समाधान शिविर में तीसरे को जमकर फायदा हुआ। जब-जब धरमलाल ने पूछा कि सियाराम किस पार्टी के हैं तब तब कांग्रेस समर्थकों ने राजेन्द्र शुक्ला जिन्दबाद के नारे लगाए। इस दौरान अधिकारियों ने राजेन्द्र शुक्ला को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। लेकिन कार्यकर्ताओं के सामने पुलिस अधिकारियों की एक नहीं चली। राजेन्द्र ने अधिकारियों को कहा कि मंच का तमाशा पहले बंद करें। इसके बाद मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश करें।बहलहाल इतना तो तय है कि किरना िसमाधान शिविर को हमेशा याद रखा जाएगा। क्योंकि पंडाल में पूर्व और वर्तमान विधायक कांग्रेस पार्टी का संभावित दावेदार एक साथ नजर आए। यह अलग बात है कि दोनों ने मंच पर गुस्सा फोड़ा तो तीसरे ने जिन्दाबाद नारा का सुख लिया।