दो दर्जन से अधिक कांग्रेसियों को थाने में बैठाया…निगम में कर रहे थे प्रदर्शन…शेख ने कहा..अब क्रमिक भूख हड़ताल

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कांग्रेस नेताओं ने आज कांग्रेस पार्षदों और नगर निगम के करीब तीन सौ से अधिक सफाई कर्मचारियों के साथ नगर निगम कार्यालय का जंगी घेराव किया। कांग्रेस नेताओं ने निगम प्रशासन और भाजपा सरकार के खिलाफ कुछ जमकर नारेबाजी की। लम्बे समय से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की। निगम में नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन की अगुवाई में कांग्रेसियों ने विकास भवन के हाल में घंटों तक धरना दिया। अंत में सभी कांग्रेसियों को सिविल लाइन पुलिस ने हिरासत में लेकर घंटो थाने में बैठाकर रखा। शाम होते ही कांग्रेसियों को पुलिस ने निशर्त रिहा भी कर दिया।

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                                    जिला कांग्रेस और कांग्रेस पार्षदों ने शेख नजरू्द्दीन की अगुवाई में आज विकास भवन का घेराव किया। कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही एलान किया कि जब तक निगम में काम करने वाले तीन सौ से अधिक दैनिक वेतन भोगियों को सरकारी कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक कांग्रेस नेता क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। धरना प्रदर्शन के दौरान निगम में काम करने वाले दैनिक वेतन भोगियों की नेता और कर्मचारी भी मौजूद थे।

झूठ बोलने की आदत

               शेख नजरूद्दीन ने बताया कि छल प्रबंच और धोखा निगम प्रशासन की आदतों में है। सालों साल से दैनिक वेतन भोगियों का शोषण किया जा रहा है। जब भी वेतन भोगी नियमितिकरण की मांग उठाते हैं। आश्वासन की चासनी पिलाकर उन्हें बैठा दिया जाता है। लेकिन अब दैनिक वेतन भोगियों का अधिकार भाजपा सरकार को देना ही होगा। ठेकेदारों और निगम प्रशासन की लचर व्यवस्था से गरीब कामगार परेशान हैं। दैनिक वेतन भोगी साथियों को तीन चार महीने में एक बार वेतन दिया जाता है। वह भी एक या दो महीने का..ऐसा में परिवार का चलाना मुश्किल होता है। जब तक मजदूरों की आवाज को एमआईसी ने नहीं पेश किया जाता है। कांग्रेस नेता धरना प्रदर्शन करेंगे।

नियमित वेतन नहीं मिलता

                                 कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय ने बताया कि एसी में बैठने और चलने वाले निगम प्रशासन के अधिकारी और भाजपा नेताओं को कभी 300 मजदूरों के घर में झांकना चाहिए। तीन चार महीने में एक बार वह भी दो एक महीने के वेतन से घर कैसे चलता है अहसास हो जाएगा। हर बार आश्वासन के बाद कामगारों के मांग को दबा दिया जाता है। जानकारी मिली है कि अधिकारों की आवाज उठाने वाले कामगारों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी अब हरगिज ऐसा नहीं होने देगी। शासन को सफाई कर्मचारियों का अधिकार देना ही होगा।

क्रमिक भूख हडताल की धमकी

            कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता ने बताया कि 16 मार्च को सफाई कर्मचारी नेता,महापौर और आयुक्त के साथ एक बैठक में निर्णय हुआ था कि सफाई कामगारों की मांग को एमआईसी में रखा जाएगा। प्रस्ताव पास होने के बाद शासन के सामने भेजा जाएगा। लेकिन 24 मार्च को एमआईसी की बैठक में कामगारों की मांग को पेश नहीं किया गया। इससे जाहिर होता है कि निगम प्रशासन सफाई कामगारों की चिंता की चिंता की थो़ड़ी भी चिंता नहीं है।

                       शैलेन्द्र ने बताया कि घेराव के दौरान आयुक्त सौमिल रंजन चौबे हाईकोर्ट में थे। उन्होने आश्वासन दिया है कि 31 मार्च को एमआईसी की बैठक बुलाएंगे। इस दौरान सफाई कामगारों की मांग को भी पेश किया जाएगा। इसके बाद सेटअप का प्रस्ताव शासन के सामने रखेंगे। शैलेन्द्र के अनुसार निगम आयुक्त के बातों का भरोसा नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने फैसला किया है कि जब तक दैनिक वेतन भोगियों को परमानेन्ट का प्रस्ताव नहीं लाया जाता और शासन को नहीं भेजा जाता विकास भवन के सामने क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा।

प्रस्ताव के बाद नहीं करेंगे धरना

                                    इस दौरान प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अटल श्रीवास्तव और जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि शेख नजरूद्दीन की अगुवाई में कांग्रेस पार्षदों ने जंग का एलान किया है। जिला कांग्रेस कमेटी भी मजदूरों के साथ है। निगम पर विश्वास नहीं है कि 31 मार्च को एमआईसी बैठक बुलाएगी। यदि बैठक बुलाया भी गया तो कामगारों के हितों की चिंता हो जरूरी नहीं है। इसलिए कांग्रेस पार्टी पार्षदों और कामगारों के साथ विकास भवन में रोज दो घंटे धरना प्रदर्शन करेगी। एमआईसी में यदि प्रस्ताव रखा जाता है और शासन को भेजा है इसके बाद ही धरना प्रदर्शन और क्रमिक भूख हड़ताल को वापस लिया जाएगा।

                            अभय और नरेन्द्र ने बताया कि निगम से विश्वास उठ चुका है। 16 मार्च को हुए समझौते निगम प्रशासन ने दरकिनार कर एमआईसी में नहीं रखा। आयुक्त का आश्वासन है कि 31 की एमआईसी बैठक में मजदूरों की नियमित करण का प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद 4 अप्रैल को सामान्य सभा में रखा जाएगा। चूंकि में हम एक बार धोखा खा चुके हैं इसलिए जब तक प्रस्ताव नहीं आता है क्रमिक भूख ह़ड़ताल चलता रहेगा।

गिरफ्तार और निशर्त रिहाई

             काफी समझाने बुझाने के बाद भी कांग्रेसियों ने धरना से उठने से मना कर दिया। अंत में पुलिस ने सभी कांग्रेसियों को बस में बैठकर सिविल लाइन थाने ले गयी। दो दर्जन से अधिक कांग्रेस नेताओं को सिविल लाइन थाने में घंटो बैठाकर रखा गया। शाम को सभी कांग्रेसियों को निशर्त रिहा भी कर दिया गया। धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शेख नजरूद्दीन,शैलेन्द्र जायसवाल,पंकज सिंह,अटल श्रीवास्तव विजय केशरवानी,  विवेक बाजपाई राजेश पाण्डेय,नरेंद्र बोलर अभय नारायण,अरविन्द शुक्ला,गौरव दुबे,जावेद मेमन कार्टर रेडडू चित्रलेखा कांसकर,अखिलेश बाजपाई समेत सैकड़ों कामगार भी मौजूद थे।

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