रायपुर ।छत्तीसगढ़ व्याख्याता ( पंचायत ) संघ ने बोर्ड के मूल्यांकन कार्य में हिस्सा लेने का फैसला किया है। संगठन ने मूल्यांकन के फैसले का विरोध करते हुए सभी व्याख्याता ( पं) साथियों से मूल्यांकन में हिस्सा लेकर शांतिपूर्ण ढंग से मूल्यांकन सम्पन्न कराने की अपील की है। साथ ही कहा कहै कि जब तक शासन की ओर अँतिम निर्णय नहीं आ जाता तब तक इस तरह किसी आँदोलन का कोई औचित्य नहीं है।
छत्तीसगढ़ व्यख्याता(पं)संघ के प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने एक बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर दुवारा जारी निर्देशानुसार राज्य के सभी जिला मूल्यांकन केन्द्रो में 3 अप्रैल से 10 वीं एवम् 12वीं कक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन प्रारम्भ होगा ।कुछ संघठनो दुवारा बोर्ड की कापियों की मूल्यांकन का बहिष्कार का अल्टीमेटम दिया है ।जोअनुचित है ।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि 16 मार्च को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी संघो की बैठक आयोजित की गयी थी । जिसमे संविलयन सहित सभी मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई ।कुछ संघ प्रमुखो की प्रस्तुतिकरण शेष है । उनका पक्ष अगली बैठक में प्रस्तुत होगा । चूँकि शासन की ओर से हाई पावर कमेटी गठितकी गयी है । जिनका अंतिम प्रतिवेदन आना बाकी है । मुख्यमन्त्री ने स्पष्ट कहा है कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही शिक्षा कर्मियो के हित में निर्णय लिए जायेंगे । अतः इस बीच शासन के खिलाफ आंदोलन ,धरना प्रदर्शन का कोई औचित्य नही है ।जब तक शासन की ओर से कोई अंतिम निर्णय नही आ जाता तब तक छ.ग.व्यख्याता(पं)संघ सहित एकता मंच से सबद्ध 07-08 संगठन बोर्ड की कापियों के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार नही करेंगे ।मूल्यंकन कार्य में लगे सभी व्यख्याता(पं)साथियो से अपील की है कि शांति पूर्ण ढंग से मूल्यंकन कार्य सम्पन्न कराये ।
उन्होने आगे कहा कि कुछ संघ शासन के खिलाफ महौल बनाना चाहते है और हमारे मुख्य मांग संविलयन ,क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण ,वेतन विसंगति दूर करने जैसे विषयो से हम सबका ध्यान भटकाना चाहते है । शिक्षा कर्मियो को बार- बार आंदोलन के लिए उकसाना और बीच में आंदोलन वापस लेने की प्रवृत्ति का एकता मंच आलोचना करता और निंदा करता है ।