कांकेर से बिलासपुर तक विरोध..मूल्यांकन कार्य का किया बहिष्कार…काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने की संविलियन की मांग..

BHASKAR MISHRA
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कांकेर—शिक्षाकर्मियों ने बोर्ड परीक्षा मुल्यांकन का बहिष्कार कर दिया है। शिक्षाकर्मियों ने एक बैठक के बाद एकजुट होकर नारेजबाजी कर मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया। शिक्षक पंचायत नगरीय मोर्चा प्रदेश संगठन मंत्री हेमेन्द्र साहसी ने कहा कि संविलीयन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार जब तक सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है।मुल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जाएगा।

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                    कांकेर जिला मुख्यालय स्तित कन्या उच्च माध्मिक विद्यालय में शिक्षाकर्मियों ने एकजुट होकर मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया है। शिक्षक पंचायत नगरीय मोर्चा के प्रदेश संगठन मंत्री हेमेन्द्र साहसी ने बताया कि  जिला मुख्यालय में 10 और 12 वीं का मुल्यांकन कार्य किया जाना है। सरकार जब तक शिक्षाकर्मियों की मांगों को लेकर सकारात्मक नहीं होती है। मूल्यांकन कार्य के खिलाफ आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।

                            संगठन मंत्री  हेमेन्द्र साहसी और महामंत्री वजीद खान ने बताया कि शिक्षाकर्मियों में राज्य शासन की तरफ से संविलियन के संबंध में निर्णय नहीं लिए जाने से आक्रोश है। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा ने सरकार के खिलाफ काली पट्टी लगाकर विरोध किया है।

                      कांकेर में प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से प्रदेश महामंत्री वजीद खान,प्रदेश संगठन मंत्री हेमेन्द्र साहसी, प्रदेश संगठन सचिव स्वदेश शुक्ला जिलाध्यक्ष राजेश  शर्मा प्रदेश सह संचालक, यशवंत जैन, के. वी. राव भानकुमारी जैन शबाना खान नसीम कुरैशी ,सीमा नाग, भूषण जैन तहसील अध्यक्ष सत्यनारायण नायक विकासखंड अध्यक्ष सुदे नेताम ग्यानेश बंधु आर्य विशेष रूप से मौजूद थे। इसके अलावा काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करने वालों में आर. डी. वर्मा, गुलाब सोन पवन गढपाले रेखा दुबे श्वेता नेताम अराधना देव सिंह दीवान सहित सैकड़ों व्याख्याता पंचायत उपस्थित थे। सभी ने जमकर नारेबाजी की। मांग पूरी नहीं होने तक  विरोध का निर्णय लिया है। रि

बिलासपुर में भी नारेबाजी और विरोधग

                   शिक्षक मोर्चा ने बिलासपुर में भी कालीपट्टी बांधकर मूल्यांकन कार्य का विरोध किया। मल्टीपरपज स्कूल में नारेबाजी की। विरोध को लेकर जिला प्रशासन को भी अवगत कराया। शिक्षक मोर्चा नेता ने कहा कि सरकार संविलियन को लेकर गंभीर नहीं है। शिक्षाकर्मियों से काम निकालने के नए-नए पैंतरे आजमाए जा रहे हैं। सरकार को संविलियन की मांग को गंभीरता से लेना होगा। अन्यथा आंदोलन और विरोध का स्वरूप व्यापक होगा। शिक्षाकर्मी नेताओं ने बताया कि बांह में काली पट्टी बांधकर हमने अपना आक्रोश जाहिर किया है। असर भी दिखाई देने लगा है।

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