पुरानी राजधानी में मिला हजारों साल का उम्र दराज कछुआ…देखने उमड़ी भीड़…कुण्ड से तालाब में हुआ शिफ्ट

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—छत्तीसगढ की पुरानी राजधानी में पचास किलों से अधिक बजनी कछुआ मिला है। कछुआ को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने कयास लगाया है कि कछुआ की उम्र हजार साल से अधिक होगी। फिलहाल कछुआ को रतनपुर पुलिस और सिद्ध शक्ति पीठ के प्रयास से महामाया मंदिर कुंड में सुरक्षित छोड़ दिया गया है।

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                           न्यायधानी से चंद किलोमीटर दूर धर्मनगरी प्रदेश की पुरानी राजधानी रतनपुर में महामाया कुण्ड की सफाई के दौरान विशालगाय कछुआ मिला है। लोगों का कयास है कि कछुआ की उम्र हजारो साल से अधिक है। लोगों की माने तो जब से कुंड बना है कछुआ यहीं का होकर रह गया है। विशाल काय कछुआ मिलने की खबर के बाद रतनपुर देखने उमड़ गया। विशालकाय कछुए का वजन करीब 50 किलो से अधिक है। इसके साथ ही कछुए की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रतनपुर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। वन अमला भी मंदिर पहुंच गया। इसके बाद लोगों के प्रयास से कछुआ को सुरक्षित सिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर कुंड में छोड़ दिया गया।

                                रामटेकरी मंदिर के नीचे सैकड़ों साल पुरानी बुढ़ा महादेव का एतिहासिक मंदिर है।मंदिर के सामने सैकड़ों साल पुरानी कुंडनुमा एक बावली भी है। पानी में विशालकाय कछुआ हमेशा आने वाले दर्शनार्थियों और सैलानियों को दिखाई देता था। लोग भगवान विष्णु के कुर्म अवतार के रूप में कछुआ के प्रति अगाथ आस्था रखते हैं।

                         पानी प्रदूषित हो जाने के कारण लोगों ने कुण्ड की सफाई का बीड़ा उठाया। धर्मनगरी के आस्थावान लोगों ने सफाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों के प्रयास से कुंड में जमा गंदा पानी को बाहर निकाला गया। साफ सफाई के दौरान अंत में कुण्ड के कीचड़ में भीमकाय कछुआ भी नजर आया। लोगों ने उम्र दराज कछुआ को सुरक्षित बाहर निकाला। खबर बिजली की तरह फैल गयी कि कुण्ड से उम्र दराज कछुआ निकला है।

                       कछुआ मिलने की जानकारी वन अमले तक भी पहुंंची। इस बीच कछुआ को रहने की व्यवस्था को लेकर लोगों में विवाद भी शुरू हो गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि कछुसआ को नगर के बाहर बड़े तालाब में सुरक्षित छोड़ा जाए। तब तक मौके पर वन अमला भी पहुंच गया। समझाईश के बाद विवाद किसी तरह शांत हुआ।

                                   आपसी तालमेल के बाद कछुए को सुरक्षित शहर के महामाया मंदिर परिसर स्थित पंचमुखी मंदिर के समीप फोदिया तालाब में छोड़ने का फैसला लिया गया। स्थानीय लोगों की मदद से वन अधिकारियों ने आधा क्विंटल से अधिक वजनी कछुआ को रिक्शे में रखकर महामाया मंदिर पहुंचे। उम्रदराज कछुआ को सुरक्षित तालाब में छोड़ दिया।

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