अब महीने के आखिरी में मिल जाएगी,सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह..वित्त विभाग ने जारी किए निर्देश

Shri Mi
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बिलासपुर, अम्बिकापुर, दुर्ग ,जगदलपुर,ट्रांजिट हॉस्टल,chhattisgarh,pwdनारायणपुर।राज्य सरकार के वित्त विभाग ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के अभिदाताओं का मासिक अंशदान एन.एस.डी.एल को समय पर जमा किया जाना सुनिश्चित करने सरकारी कर्मचारियों के मासिक वेतन का भुगतान माह के अंतिम कार्यदिवस को अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए है। वित्त विभाग मंत्रालय से दिशा-निर्देशों के साथ समस्त विभागों को परिपत्र जारी कर दिया गया है। राज्य शासन ने कोषालय संहिता भाग-1 के सहायक नियम 206 में संशोधन करते हुए सरकारी सेवकों के मासिक वेतन का भुगतान (मार्च माह के वेतन को छोड़कर) माह के अंतिम दो कार्य दिवसों में करने का निर्णय लिया है। जिससे अब सरकारी कर्मचारियों के मासिक वेतन का भुगतान उसी माह करना आसान होगा।

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कलेक्टर  टोपेश्वर वर्मा ने मंगलवार को आयोजित समय-सीमा की बैठक में कोषालय अधिकारी सहित समस्त आहरण एवं संवतिरण अधिकारियों को वित्त विभाग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने की हिदायत दी। कोषालय अधिकारी सुश्री श्रद्धासुमन एक्का ने दिए गए दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 (माह अप्रैल 2018) में सरकारी कर्मचारियों के तैयार किए जाने वाले वेतन देयकों में कार्यालय प्रमुख का वेतन देयक अलग बिल यूनिट में तैयार कर प्रतिमाह बिल यूनिट 999 का उपयोग किया जाना है। साथ ही कार्यालय प्रमुख के वेतन देयक के साथ प्रतिमाह एक प्रमाण पत्र भी कोषालय में प्रस्तुत करना अनिर्वाय होगा।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि ब्याज, लाभांश की गणना एनएसडीएल के गत वर्ष के लेनदेन व उनके निवेश पर वापसी की दर से किया जाएगा। नये सरकारी कर्मचारियों के लिए ब्याज की गणना वर्तमान जीपीएफ ब्याज दर सात प्रतिशत के आधार पर की जाएगी। आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा शासकीय सेवकों का मासिक वेतन देयक उसके देयता तिथि से कम से कम पांच कार्य दिवस पूर्व कोषालय में प्रस्तुत करना होगा। जिससे सीपीएस कर्मचारियों को ब्याज की हानि ना हो, इसलिए माह के अंतिम दो कार्य दिवस में वेतन का भुगतान आसान होगा। मासिक वेतन का आहरण समय-सीमा में न होने की स्थिति में आहरण एवं संवितरण अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने एवं विलंब की स्थिति में अभिदाता को होने वाले ब्याज हानि की वसूली उसके वेतन से करने के भी निर्देश है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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